पाटील के खिलाफ दायर याचिका खारिज, चुनाव हलफनामे को लेकर दायर हुई थी शिकायत 

पाटील के खिलाफ दायर याचिका खारिज, चुनाव हलफनामे को लेकर दायर हुई थी शिकायत 

Tejinder Singh
Update: 2021-01-19 14:48 GMT
पाटील के खिलाफ दायर याचिका खारिज, चुनाव हलफनामे को लेकर दायर हुई थी शिकायत 

डिजिटल डेस्क, मुंबई। पुणे की एक स्थानीय अदालत ने भारतीय जनता पार्टी के प्रदेशाध्यक्ष चंद्रकांत दादा पाटील के खिलाफ दायर शिकायत को खारिज करते हुए उन्हें राहत प्रदान की है। कोथरुड विधानसभा क्षेत्र से जीत हासिल करनेवाले श्री पाटील के खिलाफ अभिषेक हरिदास नाम के शख्स ने कोर्ट में शिकायत की थी। शिकायत में दावा किया था कि श्री पाटील ने चुनाव के लिए झूठा हलफनामा दायर किया है।

भारतीय जनप्रतिनिधित्व कानून की धारा 125ए के तहत दायर की गई शिकायत के मुताबिक हलफनामे में पाटील ने अपने आय के स्त्रोत के बारे में गलत जानकारी दी है। लाभ के पद पर आसीन होने व उससे मिलनेवाले मानधन को लेकर भी हलफनामे में जानकारी छुपाई गई है। शिकायत में दावा किया गया था पाटील ने कोल्हापुर में प्रलंबित अपने आपराधिक मामले से जुड़ी पूरी जानकारी का खुलासा फार्म नंबर 26 में नहीं किया है। इस मामले को लेकर श्री पाटील ने न तो अपने आरोपपत्र का ब्यौर दिया है और न ही आरोप तय किए जाने के बारे में भी विवरण दिया गया है। पाटील ने इस विषय में सिर्फ आपराध पंजीयन क्रमांक का उल्लेख किया है।        

महानगरीय दंडाधिकारी जेएस केलकर ने शिकायतकर्ता को विस्तार से सुनने व मामले को लेकर पुलिस रिपोर्ट पर गौर करने के बाद कहा कि अभी तक कोल्हापुर में श्री पाटील के खिलाफ प्रलंबित मामले को लेकर आरोप तय नहीं हुए है। इसलिए श्री पाटील की ओर से फार्म नंबर 26 में दी गई जानकारी सही है। जहां तक बात पाटील के लाभ के पद पर होने के आरोप की है तो पाटील ने महाराष्ट्र स्टेट फार्मिंग कार्पोरेशन लिमिटेड व महाराष्ट्र एग्रो इंडस्ट्रीज डेवलपमेंट कार्पेरेशन लिमिटेड के निदेशक व चेयरमैन पद पर रहते हुए कोई मानधन नहीं लिया है। इसलिए पाटील का इस बारे में हलफनामें में जानकारी न देना बिल्कुल सही है।

जहां तक बात श्री पाटील द्वारा अपनी आमदनी छुपाने के आरोप की है तो उन्होंने वित्तीय वर्ष 2016-17 तथा 2017-18 व 2018-19 में अपने चुनावी आवेदन के साथ आयकर रिटर्न से जुड़ा विवरण चुनाव आयोग को दिया है। आयकर विभाग ने सत्यापन के बाद इस आयकर रिर्टन को मंजूरी दी है। इसलिए शिकायतकर्ता द्वारा पाटील पर आय छुपाने को लेकर लगाए गए आरोप को स्वीकार नहीं किया जा सकता है। यह कहते हुए महानगरीय दंडाधिकारी ने कहा कि इस मामले में आरोपी (पाटील) के खिलाफ कार्रवाई के लिए पर्याप्त आधार नहीं है। इसलिए शिकायत को खारिज किया किया जाता है

सत्य की जीत  

कोर्ट के इस फैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए चंद्रकांत दादा पाटील ने कहा कि न्यायालय का फैसला सत्य की जीत है। उन्होंने कहा कि मैं एक सामान्य परिवार से आया है और राज्य में महत्वपूर्ण विभाग का मंत्री था। कुछ लोग मेरी प्रगति से खुश नहीं रहते, इसलिए मेरे खिलाफ झूठे आरोप लगाकर साजिश रचते रहते हैं। लेकिन अंत में जीत सत्य की होती है। यह न्यायालय के फैसले ने जाहिर कर दिया है। 

 

Tags:    

Similar News