जबलपुर रेलवे स्टेशन को वर्ल्ड क्लास बनाने की योजना की रूपरेखा हो रही तैयार, दिल्ली से आई टीम

जबलपुर रेलवे स्टेशन को वर्ल्ड क्लास बनाने की योजना की रूपरेखा हो रही तैयार, दिल्ली से आई टीम

Bhaskar Hindi
Update: 2018-08-25 08:05 GMT
जबलपुर रेलवे स्टेशन को वर्ल्ड क्लास बनाने की योजना की रूपरेखा हो रही तैयार, दिल्ली से आई टीम

डिजिटल डेस्क, जबलपुर। जबलपुर रेलवे स्टेशन को वर्ल्ड क्लास रेलवे स्टेशन के रूप में विकसित करने की संभावनओं को तलाशने के लिए दिल्ली से शुक्रवार को कंसल्टेंट्स की टीम जबलपुर पहुंची। टीम ने मुख्य रेलवे स्टेशन का निरीक्षण कर डेवलेपमेंट प्लान को करीब से जानने का प्रयास किया। पमरे के डीआरएम डॉ. मनोज सिंह व अधिकारियों के साथ कंसल्टेंट्स की टीम ने मैराथन बैठक की। इस दौरान एक तरफ जबलपुर रेलवे स्टेशन के हैरीटेज व्यू पर भी नजर डाली गई, वहीं दूसरी ओर एयरपोर्ट की तर्ज पर अल्ट्रा मॉर्डन रेलवे स्टेशन का रूप देने की संभावनाओं पर भी गंभीरतापूर्वक चर्चा की गई।

डीआरएम डॉ. सिंह ने बताया कि जबलपुर रेलवे स्टेशन को एयरपोर्ट की तर्ज पर डेवलेप करने की योजना पर काम शुरु हो रहा है, जिसमें विकास की योजना को मूर्त रूप देने के पहले दिल्ली से आई कंसल्टेंट्स की टीम ने स्टेशन व आसपास के सभी स्थानों का निरीक्षण किया और विकास योजना के तहत होने वाली निर्माण पर चर्चा की। रात को 8 बजे के आसपास कंसल्टेंट्स की टीम एक बार फिर मुख्य रेलवे स्टेशन के प्लेटफॉर्म न.1 पर पहुंची और नए सिरे से कई चीजों को देखा, उनके बारे में जानकारी ली और उनका विस्तृत ब्यौरा तैयार किया।

इस दौरान प्लेटफॉर्म पर यात्रियों की आवाजाही को भी टीम ने देखा और भविष्य में बनकर तैयार होने वाले वर्ल्ड क्लास रेलवे स्टेशन की तस्वीर का भी अनुमान लगाया। निरीक्षण के दौरान डीआरएम के साथ वरिष्ठ रेल अधिकारी, जीआरपी और आरपीएफ का स्टाफ उपस्थित था।

कर्मचारियों में आक्रोश
60 साल की उम्र तक नौकरी करने के बाद रिटायर हो चुके बुजुर्ग अधिकारियों की रेलवे में एक बार फिर सेवाएं लेने के रेलवे बोर्ड के आदेश आने के बाद पमरे में आक्रोश फूट पड़ा है। पमरे में पहुंचे रेलवे बोर्ड के आदेश में कहा गया है क रेलवे आधुनिकीकरण के दौर से गुजर रहा है और इस विकास कार्यों के लक्ष्य को समय पर हासिल करने के लिए रेलवे के पास पर्याप्त स्टाफ नहीं है, इसलिए मौजूदा कार्यों को निर्धारित समय-सीमा के भीतर पूरा करने के लिए 5 वर्षों के लिए अनुभवी अधिकारियों की सेवाएं ली जा रहीं हैं, जिन्हेें उनके द्वारा अहरित अंतिम वेतन के बेसिक के 50 प्रतिशत के अनुसार नया वेतन दिया जाएगा। यानि 35 हजार रुपए पेंशन पाने वाले अधिकारियों को 35 हजार रुपए वेतन देकर 70 हजार रुपए वेतन दिया जाएगा। रेलवे बोर्ड के आदेश के आने के बाद कर्मचारियों में इसका विरोध शुरू हो गया है।

 

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