स्कूल बंक कर घूमने वाले बच्चों का पुलिस आयुक्त ने दी नसीहत, बन गए फ्रेंड

 स्कूल बंक कर घूमने वाले बच्चों का पुलिस आयुक्त ने दी नसीहत, बन गए फ्रेंड

Anita Peddulwar
Update: 2018-08-13 11:58 GMT
 स्कूल बंक कर घूमने वाले बच्चों का पुलिस आयुक्त ने दी नसीहत, बन गए फ्रेंड

डिजिटल डेस्क,नागपुर।  स्कूल से बंक मारकर निकले बच्चों के फ्रेंड बनकर पुलिस आयुक्त ने उन्हें सीख दी। शहर में पहली बार किसी पुलिस आयुक्त ने सड़क पर वाहन रोककर स्कूल से बंक मार कर घूमने वाले 10-15 बच्चों से  बातचीत की।बच्चों काे अपनी गलती का अहसास कराने के बाद पुलिस आयुक्त डॉ. भूषणकुमार उपाध्याय  जब वाहन में बैठने लगे तब बच्चों ने उनके साथ तस्वीर खिंचाने की जिद की। पहले तो उन्होंने फोटोग्राफी से मना किया लेकिन चंद सेकेंड बाद ही सभी बच्चों के साथ तस्वीर खिंचवाकर पूरे लम्हे काे यादगार बना दिया। पुलिस आयुक्त की इस दरियादिली से स्कूली बच्चे इतने प्रभावित हुए कि उन्होंने भी आगे चलकर पुलिस अधिकारी बनने का वादा किया। 

फुटाला तालाब के पास घूम रहे थे बच्चे
संतरानगरी में पुलिस आयुक्त डॉ. भूषणकुमार उपाध्याय का मानवीय चेहरा सामने आया है। उन्हांेेने स्कूल से बंक मारकर घूमनेवाले छात्रों को एक दोस्त की तरह समझाया, वह भी सड़क किनारे पुलिस वाहन को रुकवाकर। हुआ यूं कि, गत दिनों पुलिस आयुक्त डॉ. भूषणकुमार उपाध्याय गश्त पर निकले थे। इस दाैरान फुटाला तालाब, वायुसेना नगर मार्ग पर उन्हें कुछ स्कूली बच्चे गणवेश पहने नजर आए। सभी बच्चे इधर-उधर घूम रहे थे। पुलिस आयुक्त ने उनके पास कार को रोकने के लिए कहा। 

पुलिस की गाड़ी देख भागने लगे
पुलिस की गाड़ी रुकते ही बच्चे भागने लगे, तब पुलिस आयुक्त ने बड़े ही प्यार से कहा- पुलिस से भागो मत, पुलिस को अपना दोस्त समझो। बच्चों के रुकने के बाद पुलिस आयुक्त ने उनसे चर्चा शुरू की। 20 मिनट तक बच्चों के साथ वह बातचीत करते रहे। उन्होंने इस तरीके से मार्गदर्शन किया कि स्कूल से बंक मारने वाले इन बच्चों ने आगे से स्कूल से बंक न मारने की कसम खाई। इतना ही नहीं बच्चों ने कहा कि वे  उनके जैसा ही पुलिस अधिकारी बनेंगे। इन बच्चों ने पुलिस आयुक्त के साथ कुछ तस्वीरें भी निकालीं।

बच्चों से बातें करना अच्छा लगता है
बच्चों से बातें करना अच्छा लगता है। जब बच्चों ने पुलिस वाहन को रुकते देखा तो मैंने उनसे रुकने के लिए कहा। वह बात मान गए, जब उन बच्चों से उनके परिवार के बारे में पूछा तो सभी बेहद खुश हुए। स्कूल से बंक मारने की बजाय पढ़ाई पर ध्यान देने के फायदे बताए तो सभी खुश हो गए और कहने लगे कि वह भी आगे चलकर पुलिस अधिकारी बनेंगे।  
(डॉ. भूषणकुमार उपाध्याय, पुलिस आयुक्त, नागपुर शहर)
 

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