जुआरी से आरक्षक कर रहा था 80 हजार का सौदा ,रिकार्डिंग वायरल

जुआरी से आरक्षक कर रहा था 80 हजार का सौदा ,रिकार्डिंग वायरल

Bhaskar Hindi
Update: 2019-06-11 07:43 GMT
जुआरी से आरक्षक कर रहा था 80 हजार का सौदा ,रिकार्डिंग वायरल

डिजिटल डेस्क, छतरपुर। सिविल लाइन पुलिस द्वारा पिछली रात छत्रसाल नगर में बड़ा जुआ पकड़े जाने के मामले में एक रिकार्डिंग वायरल हुई है। बताया जा रहा है कि रिकार्डिंग में थाने में पदस्थ आरक्षक रोशन व मौके से भागे आरोपी मुक्कू उर्फ मुकीम खान की आवाज है। इस बातचीत में मुक्कू जुए खिलाने के एवज में सिविल लाइन टीआई व पुलिस से महीना सेट करने की मांग कर रहा है। बदले में आरक्षक रोशन उसे टीआई को देने के लिए 40 हजार का महीना व पूरे थाने की एवज में 80 हजार रुपए देने की मांग कर रहा है। एसपी तिलक सिंह ने आरक्षक को तत्काल प्रभाव से सस्पेंड करते हुए मामले की जांच के सीएसपी को निर्देश दिए हैं।  सिविल लाइन व कोतवाली पुलिस को उसे किसी भी तरह पकड़ने के निर्देश हैं। 
जांच से पता चलेगी सच्चाई 

गौरतलब है कि जिले में इस समय जुआ, सट्टा व रेत के धंधे से पुलिस को महीना पहुंचने के मामलों का लगातार खुलासा हो रहा है। इस केस का भी रोचक पहलू यह है कि रिकार्डिंग वायरल करने वाला आरोपी मक्कू खान रविवार रात को ही जुए के फड़ से भाग गया था। जब पुलिसकर्मी उससे इतने विश्वास से बात कर रहे हैं तो ये भी संभव है कि रिकार्डिंग वायरल करने की धमकी देकर ही वह रविवार रात भागा होगा। सीएसपी की जांच में सच्चाई सामने आएगी। 

आरक्षक और जुआरी के बीच मोबाइल पर बातचीत के संशोधित अंश : 

जुआरी - हलो, फिर तुमने फोन नहीं लगाया। 
-आरक्षक-किसलिए।
जुआरी - तुम नहीं कह रहे थे कि साहब से बात कर बताएंगे। 
-आरक्षक - देखो तुम्हे बताएं, दौलत (कोई व्यक्ति जिसने महीना देने का वादा किया था) की है आदत खराब। कह रहे थे कि 4-5 दिन और खिलवा लें फिर हम साहब का पहुंचवाए दे रहे। आज छटवां दिन है। उनकी जुबान का नहीं रहता ठिकाना। इसलिए साहब कह रहे थे कि हम तो पकड़ेंगे। हम अब भी कह रहे कि अगर तुम्हे देना हो तो पकड़ा दो हमारे हाथ में। हम उन्हे दे दें। 
जुआरी - पैसा कितने देने उन्हे, जो बताओ हमे। महीनाभर के। दौलत को छोड़ो। अब हम बात कर रहे।
-आरक्षक : 40 
जुआरी : फिर तो नहीं आएगा हमारे पास कोई 300 वाला 500 वाला। दो ठइयां आ गए कि 500-500 दे दो।  
-आरक्षक : उन्हे तो 40 देना ही है अपने को। फिर बाकी भी होता रहता था।
जुआरी : टोटल बताओ हमे, कितने लगने महीना में। फिर हमारे यहां कोई न आए। फिर हम कर रहे दौलत से बात।
-आरक्षक : वो (दौलत) बहुत बेकार हैं। बता दो उन्हें 80 हजार लगनें। फिर एक आदमी नहीं आएगा थाने से।
जुआरी : चलो हम बता रहे तुम्हे। ठीक है।

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