बढ़ सकता है आपली बस का किराया, खत्म हुई हड़ताल, 7.5 लाख का नुकसान
बढ़ सकता है आपली बस का किराया, खत्म हुई हड़ताल, 7.5 लाख का नुकसान
डिजिटल डेस्क, नागपुर। आर्थिक तंगी का रोना रोते हुए मनपा ने आपली बस का किराया बढ़ाने की तैयारी है। बताया जा रहा है कि शहरवासियों को यातायात सुविधा देने वाली मनपा के परिवहन विभाग की बसें मनपा को लगातार घाटा दे रही हैं। विभाग घाटा कम करने के लिए किराया बढ़ाने की तैयारी में हैं। एक ओर जहां ग्रीन बसें खाली चल रही हैं, वहीं कुछ लोगों को खुश करने के लिए खाली रूट पर बसें चलाई जा रही हैं।
हालात ये हैं कि मनपा को 15 माह में आपली बस से 52 करोड़ रुपए का घाटा हो चुका है। इससे उबरने के लिए बस का किराया 2 किमी का 10 रुपए करने का प्रस्ताव मनपा की आम सभा में 10 जुलाई को मंजूरी के लिए रखा जाएगा।
387 में से 375 बसें चल रहीं
शहर में संचालित आपली बस में तीन ऑपरेटरों की नियुक्ति पीपीपी और जीसीसी के आधार पर की गई है। तीनों ऑपरेटरों द्वारा 50-50 मिनी बसें और 79-79 रेड स्टैंडर्ड बसें दी गई हैं। शहर में 387 बसें संचालित करनी हैं, लेकिन सिर्फ 375 बसें ही संचालित हो रही हैं। 8 सितंबर 2014 से मनपा का परिवहन विभाग प्रादेशिक परिवहन कार्यालय द्वारा मंजूर 2 किलोमीटर दूरी पर 8 रुपए वसूलता है। इसे बढ़ा कर 10 रुपए करने का प्रस्ताव मनपा की आम सभा में रखा जाएगा। परिवहन विभाग का कहना है कि मनपा की अार्थिक स्थिति ठीक नहीं होने के कारण ऑपरेटरों को भुगतान करने में हर माह परेशानी हो रही है।
हड़ताल से हुआ 7.5 लाख का नुकसान
अापली बस के कंडक्टरों के साथ विवाद को लेकर जारी हड़ताल देर रात खत्म हो गई। हड़ताल में 256 बसें शामिल हुईं, जिससे 24 हजार किलोमीटर की यात्रा बाधित हुई और मनपा को इससे 7.5 लाख रुपए का नुकसान हुआ।
आपली बस को लेकर शुरुआत से ही राजनीति चल रही है। एक ओर जहां कर्मचारी संगठन हर बार कंपिनयों द्वारा उचित वेतन न देने का आरोप लगाते हैं तो वहीं दूसरी ओर परिवहन विभाग कंडक्टरों पर चाेरी का आरोप लगाते हैं। शनिवार को हुई हड़ताल भी इस ड्रामे के साथ हुई। परिवहन समिति का आरोप है कि 24 बसों की अचानक से जांच की गई तो सामने आया कि पूरी बस में सिर्फ पांच यात्रियों के पास ही टिकट थे।
शेष अन्य यात्री बिना टिकट यात्रा कर रहे थे। इस पर 24 कंडक्टरों को नौकरी से निकालने की कार्रवाई की गई। जबकि कंडक्टरों का आरोप था कि ड्यूटी से लौटते समय चेकिंग के दौरान कंडक्टरों से टिकट मांगे गए जबकि ड्यूटी पर आते-जाते समय टिकट नहीं लगता है।