नागपुर यूनिवर्सिटी का गजब कारनामा एक ही दिन और समय पर 2 पेपर

नागपुर यूनिवर्सिटी का गजब कारनामा एक ही दिन और समय पर 2 पेपर

Tejinder Singh
Update: 2019-03-24 11:16 GMT
नागपुर यूनिवर्सिटी का गजब कारनामा एक ही दिन और समय पर 2 पेपर

डिजिटल डेस्क, नागपुर। राष्ट्रसंत तुकड़ोजी महाराज नागपुर विश्वविद्यालय की परीक्षाओं में लगातार एक के बाद एक गड़बड़ियां सामने आ रही हैं। अब मामला बैचलर ऑफ बिजनेस मैनेजमेंट पाठ्यक्रम से जुड़ा है। विश्वविद्यालय ने 25 मार्च को बीबीए फाइनल ईयर का ऑफिस मैनेजमेंट का पेपर 25 मार्च को रखा है। यह पेपर दोपहर 2.30 से शाम 5.30 बजे तक चलेगा।  आश्चर्य है कि ठीक इसी दिन और इसी समय पर विवि ने बीबीए  तीसरे सेमेस्टर (सीबीएस) का बेसिक स्टेटिस्टिकल टेक्निक्स विषय का भी पेपर रखा है। यह बैकलॉग का पेपर है, जो फाइनल ईयर के विद्यार्थियों को ही देना है। ऐसे में स्थिति यह बन गई कि बैक वाले विद्यार्थियों को एक ही समय पर दोनों पेपर देने हैं। 

स्थगित किया गया प्रश्नपत्र

विवि की गलती से परेशान विद्यार्थी लगातार अपने कॉलेजों और विवि के चक्कर काट रहे हैं। विद्यार्थियों की ओर से प्राप्त शिकायत के बाद विवि प्रशासन को अपनी भूल का अहसास हुआ। मामले में परीक्षा नियंत्रक डॉ. नीरज खटी से संपर्क करने पर उन्होंने कहा कि विवि ने भूल सुधारने के लिए 25 मार्च को बीबीए  तीसरे सेमिस्टर (सीबीएस) का बेसिक स्टेटिस्टिकल टेक्निक्स विषय का प्रश्नपत्र स्थगित करने का निर्णय लिया है। उन्होंने इस नोटिफिकेशन पर दस्तखत भी कर दिए हैं, लेकिन परीक्षा स्थगित करने के फैसले पर मुहर लगने के बाद भी विवि ने इसे वेबसाइट पर अपलोड नहीं किया। 

आज वेबसाइट पर होगा अपलोड

परीक्षा को दो दिन शेष होने से विद्यार्थी परेशान हैं। डॉ. खटी के अनुसार परीक्षा विभाग के संंबंधित क्लर्क ने यह नोटिफिकेशन अपलोड नहीं किया है। रविवार को हर हाल में यह नोटिफिकेशन वेबसाइट पर अपलोड कर दिया जाएगा। भूल के पीछे उन्होंने कारण दिया कि यह पुराने पाठ्यक्रम का पेपर है, एबजॉर्बशन स्कीम में उनका समावेश किया गया है। ऐसे में दो पेपर ओवरलैप हो गए हैं, लेकिन विवि ने अब अपनी भूल सुधार ली है। 

382 करोड़ रुपए के बजट पर सवालिया निशान

राष्ट्रसंत तुकड़ोजी महाराज नागपुर विश्वविद्यालय द्वारा बीते 13 मार्च को पास किए गए 382 करोड़ रुपए के बजट पर सवालिया निशान खड़े हो गए हैं। दरअसल राज्य उच्च व तकनीकी शिक्षा विभाग ने हाल ही में मुंबई विश्वविद्यालय को आचार संहिता का हवाला देते हुए 25 मार्च को बजट की बैठक रद्द करने के आदेश दिए हैं। ऐसी ही रोक उत्तर महाराष्ट्र विश्वविद्यालय, जलगांव के लिए भी लगाई गई है। अब चूंकि नागपुर विवि ने भी आचार संहिता लागू होने के बाद यह बजट पास किया, ऐसे में इसकी वैधता पर सवाल उठाए जा रहे हैं। सेंट्रल इंडिया इंस्टीट्यूट ऑफ मास कम्युनिकेशन संचालक सुनील मिश्रा ने नागपुर विवि के कुलगुरु डॉ. सिद्धार्थ विनायक काणे को अवैध रूप से बजट पास कराने का आरोपी बताते हुए उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की मांग की है। उन्होंने इस संबंध में देश के मुख्य चुनाव आयुक्त और नागपुर, वर्धा, गोंिदया और भंडारा के जिलाधिकारियों को पत्र लिख कर शिकायत की है। वहीं नागपुर विवि के सीनेट सदस्य एड. मनमोहन वाजपेयी ने भास्कर से बातचीत में कहा कि 13 मार्च को बजट मंजूर करने के पूर्व उन्होंने सभा में यह मुद्दा उठाया था कि क्या नागपुर विवि ने आचार संहिता के बीच यह बजट पास करने के लिए किसी प्रकार की विशेषज्ञ सलाह या मंजूरी ली है। 

सभा के समय नहीं थी आचार संहिता

सभा में कुलगुरु डॉ. काणे ने सफाई दी थी कि यह सभा राज्यपाल की अनुमति से हो रही है। ऐसे में बजट पास कराने के लिए अलग से किसी प्रकार की सलाह या मंजूरी की जरूरत नहीं है। अब चूंकि राज्य के एक अन्य विवि की बजट सभा आचार संहिता के चलते स्थगित कर दी गई है, तो यही नियम नागपुर विवि पर भी लागू होना चाहिए। एड. वाजपेयी ने कहा है कि जब राज्यपाल ने नागपुर विवि को बजट के लिए सीनेट आयोजित करने की अनुमति दी थी, तब आचार संहिता लागू नहीं हुई थी।

 

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