पूर्वाग्रह न्यायिक प्रक्रिया के लिए घातक - बार एसोसिएशन के कार्यक्रम में बोले CJI दीपक मिश्रा

पूर्वाग्रह न्यायिक प्रक्रिया के लिए घातक - बार एसोसिएशन के कार्यक्रम में बोले CJI दीपक मिश्रा

Bhaskar Hindi
Update: 2018-06-29 13:26 GMT
पूर्वाग्रह न्यायिक प्रक्रिया के लिए घातक - बार एसोसिएशन के कार्यक्रम में बोले CJI दीपक मिश्रा

डिजिटल डेस्क, जबलपुर। सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा ने न्यायाधीशों और वकीलों को संबोधित करते हुए कहा कि पूर्वाग्रह से किसी भी नतीजे पर नहीं पहुंचे। तर्किकता और वास्तविकता के आधार पर ही किसी निष्कर्ष पर पहुंचना चाहिए। पूर्वाग्रह न्यायिक प्रक्रिया के लिए बेहद घातक है। CJI ने यह बात एडवोकेट्स बार और सीनियर एडवोकेट काउंसिल के कार्यक्रम में कही।

अहंकार का त्याग जरूरी
हाईकोर्ट के साउथ ब्लॉक में आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए CJI श्री मिश्रा ने कहा कि अहंकार को त्यागना बेहद जरूरी है। भगवान ने हमे सब कुछ दिया है। केवल अहंकार मनुष्य का बनाया हुआ है। यदि त्याग करना है तो अहंकार का करना चाहिए। उन्होंने कहा कि नर्मदा तट पर आने से अहंकार से मुक्ति मिल जाती है।

नर्मदा और संस्कारधानी से गहरा जुड़ाव
CJI श्री मिश्रा ने कहा कि मैं पहली बार 1 मार्च 1997 को जबलपुर आया था। उस दिन मैं पहली बार नर्मदा दर्शन के लिए गया था। उसी क्षण से हृदय में परस्पर जुड़ाव का संकल्प उत्पन्न हो गया, जो अनवरत जारी है। उन्होंने कहा कि फूलों के रूप में उन्हें बुरे अनुभव भूलने के लिए उपहार दिया गया है। फूलों में नकारात्मक बात को खत्म करने की क्षमता होती है। जबलपुर में उन्हें फूलों के इतने गुलदस्ते भेंट किए गए है, ताकि वे अपने बुरे अनुभव को भूल सके।

स्टेट लायर्स एकेडमी की स्थापना हो
CJI श्री मिश्रा ने कहा कि ग्लोबलाइजेशन के इस दौर में नए-नए कानून सामने आ रहे है। ऐसे में वकीलों को अपडेट होने की जरूरत है। वकीलों की ट्रेनिंग के लिए स्टेट लॉयर्स एकेडमी की स्थापना होना चाहिए। ग्वालियर और इंदौर में भी इसकी शाखा खोलना चाहिए। ट्रेनिंग से वकील बेहतर काम कर सकेंगे।

प्रतिबद्धता की मिसाल है CJI
मप्र हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस हेमंत गुप्ता ने कहा कि CJI प्रतिबद्धता की मिसाल है। उन्होंने जबलपुर आने का वादा किया था। फ्लाइट निरस्त होने के बाद भी वे रात भर ट्रेन में सफर करके जबलपुर पहुंचे। उनकी यही प्रतिबद्धता उनकी कामयाबी का राज है। उन्होंने कहा कि CJI श्री मिश्रा की जन्मभूमि उड़ीसा जरूर है, लेकिन उन्हें जबलपुर से बेहद लगाव है।

CJI श्री मिश्रा को कानून के अलावा, साहित्य, धर्म और संस्कृति का भी गहरा ज्ञान है। इस मौके पर एडवोकेटस बार एसोसिएशन के अध्यक्ष मनोज शर्मा, सीनियर बार की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता राजेन्द्र तिवारी ने CJI के व्यक्तित्व के बारे में विचार व्यक्त किए। कार्यक्रम में पटना हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस राजेन्द्र मेनन, महाधिवक्ता पुरूषेन्द्र कौरव, स्टेट बार काउंसिल के अध्यक्ष शिवेन्द्र उपाध्याय भी मौजूद थे।

 

 

 

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