महाराष्ट्र-पंजाब में सांस्कृतिक संबंध, स्थापित होगी पंजाबी साहित्य अकादमी, गुरु ग्रंथ साहिब में मराठी संत की रचना

महाराष्ट्र-पंजाब में सांस्कृतिक संबंध, स्थापित होगी पंजाबी साहित्य अकादमी, गुरु ग्रंथ साहिब में मराठी संत की रचना

Tejinder Singh
Update: 2018-09-25 14:58 GMT
महाराष्ट्र-पंजाब में सांस्कृतिक संबंध, स्थापित होगी पंजाबी साहित्य अकादमी, गुरु ग्रंथ साहिब में मराठी संत की रचना

डिजिटल डेस्क, मुंबई। आगामी लोकसभा चुनाव के मद्देनजर राज्य सरकार भी चुनावी मोड में आती दिखाई दे रही है। राज्य कि फडणवीस सरकार ने महाराष्ट्र में पंजाबी साहित्य अकादमी शुरु करने को मंजूरी दी है। मंगलवार को राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में यह फैसला लिया गया। राज्य सरकार का कहना है कि राज्य में पंजाबी भाषा के विकास, संवर्धन और प्रगति के लिए महाराष्ट्र राज्य पंजाबी साहित्य अकादमी स्थापित करने का निर्णय लिया गया है।

उर्दू साहित्य अकादमी की तर्ज पर करेगी काम 

उर्दू साहित्य अकादमी की तर्ज पर यह अकादमी भी कार्य करेगी। गौरतलब है कि महाराष्ट्र में हिंदी, गुजराती और उर्दू साहित्य अकादमी पहले से कार्यरत है। सरकार का कहना है कि महाराष्ट्र और पंजाब के मध्य काल से सांस्कृतिक संबंध रहे हैं। संत नामदेव की रचना को गुरु ग्रंथ साहिब में शामिल किया गया है। महाराष्ट्र पंजाबी साहित्य अकादमी की स्थापना का प्रस्ताव सरकार के पास विचाराधीन था। इस अकादमी के माध्यम से पंजाबी साहित्य का मराठी और मराठी साहित्य का पंजाबी में अनुवाद हो सकेगा। 

अकादमी में होंगे 11 गैर सरकारी सदस्य

अकादमी के अध्यक्ष अल्पसंख्यक विभाग के मंत्री होंगे, जबकि उपाध्यक्ष पद पर विभाग के राज्यमंत्री के पास रहेगा। विभाग के सचिव व उप सचिव शासकिय सदस्य के तौर पर कार्य करेंगे। इसके अलावा अकादमी में 11 गैर सरकारी सदस्य भी होंगे। इस अकादमी के लिए चार नए पदों के सृजन की मंजूरी दी गई है। इसके लिए 46.80 लाख रुपए का प्रावधान किया गया है। नए पदों पर नियुक्ति होने तक उर्दु अकादमी के अधीक्षक पंजाबी अकादमी का भी कार्य देखेंगे।     

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