रेलवे अस्पताल खुद पड़ा बीमार, सर्दी-जुकाम तक की दवाइयां नहीं

रेलवे अस्पताल खुद पड़ा बीमार, सर्दी-जुकाम तक की दवाइयां नहीं

Anita Peddulwar
Update: 2020-03-04 09:41 GMT
रेलवे अस्पताल खुद पड़ा बीमार, सर्दी-जुकाम तक की दवाइयां नहीं

डिजिटल डेस्क, नागपुर। मध्य रेलवे नागपुर मंडल के रेलवे अस्पताल में लगातार अनियमिताएं नजर आ रही हैं। इसमें डॉक्टरों की कमी, खराब मशीनें और अन्य कारणों से रेलवे कर्मचारी परेशान हाे रहे हैं। नागपुर मंडल में कुल 17000 कर्मचारी कार्यरत हैं। परिवार सहित यह संख्या 50 हजार से भी अधिक हैं, यह सभी स्वास्थ्य समस्याओं के लिए रेलवे अस्पताल पर निर्भर हैं। इसके बावजूद यहां पर दवाइयों की कमी है। पिछले 1 साल से यहां पर पर्याप्त दवाएं नहीं हैं। दवाइयों से संबंिधत कुछ दस्तावेजी कार्यवाही भी की जाती है। वह भी पूरी नहीं की गई। नागपुर मंडल में मुख्य मंडल रेलवे अस्पताल है। इसके अलावा आमला, जुन्नारदेव, वर्धा, बल्लारशाह में हेल्थ यूनिट हैं। कई दवाइयों की सूची है, जो इन हेल्थ यूनिट में भी नहीं है।

यह हैं पांच मुख्य कारण दवाइयों की कमी के
1.     अस्पताल प्रशासन ने पिछले वर्ष 2019-20 का वार्षिक मेडिकल इंडेक्स पूर्ण नहीं किया।
2.     2020-21 मास्टर शीट पूर्ण नहीं की गई।
3.     अब तक मंडल के अधिकार के अंतर्गत एक लाख रुपए का टेंडर देकर दवाइयां बुलाई जाती हैं। वह टेंडर अपलोड नहीं किया गया। 
4.     कई ऐसी गलतियां हैं जो बार-बार दोहराई गई हैं। जिनका उल्लेख हेडक्वार्टन नोटिस  में किया गया है।
5.     समय-समय पर मुख्यालय से मिलने वाली दवाइयों की भी पूर्ति नहीं करवा पा रही हैं। 343 दवाइयां ऐसी हैं जो मंडल चिकित्सा अधिकारी के अधिकार क्षेत्र में आती हैं, इनमे से भी अनेक औषधि पिछले एक माह से यहां से गायब हैं। 

जरूरी दवाइयां भी नहीं  
मरीजों को आमतौर पर कुछ बेसिक दवाइयां लगती हैं। जिनमें निकर्डिया 20, ऑल्मेस्टर्न 40, मिनिप्रेस 1.5, टेब टेलमा 40, टेब ग्लिमप्राइड, टेब बी कॉम्प्लेक्स, कफ साइरप, एक्टन 50, मेटोलार 50, फॉलिक एसिड, शिमोरेल फोर्ट, दुतास, जानुविया टैबलेट, केल्शियम टैबलेट, आइरन कैपस्यूल होता है। इस तरह की कुल 343 दवाइयां होती हैं। अस्पताल में यह दवाइयां भी मौजूद नहीं हैं। इससे मरीजों को बाहर से दवाईयां लेनी पड़ रही है।

नेशनल रेलवे  मजदूर संघ ने दी चेतावनी
इस विषय पर ध्यान आकर्षित कराते हुए सोमवार को नेशनल रेलवे मजदूर यूनियन ने भी मुख्य चिकित्सा अधीक्षक का घेराव कर नारेबाजी की। उन्होंने जिम्मेदारी से दवाइयों की आपूर्ति पूरी करने की मांग की। मंंडल सचिव एस.के. झा ने कहा कि कई बार अस्पताल अधिकारियों से बात की परंतु इसके विपरीत अस्पताल प्रशासन ने दो छोटे  कर्मचारी जिनका इससे संबंध नहीं है उनको हटाया गया। व्यवस्था को जल्दी ठीक नहीं किया गया, तो तीव्र आंदोलन किया जाएगा। इस अवसर पर यूनियन के मुख्यालय कार्यकारी अध्यक्ष हबीब खान, देबाशीष भट्टाचार्य, नरेंद्र धनफुले, प्रमोद बोकडे, मनोज चौथानी, मनीष बारस्कर, सुनील कापटे, सुनीता बोरकर, राहुल गजभिए, योगेश मंडपे सहित अन्य सदस्य उपस्थित थे।

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