खंडवा के चिडिय़ा मैदान मामले में आपत्तियों की सुनवाई करे रेलवे

खंडवा के चिडिय़ा मैदान मामले में आपत्तियों की सुनवाई करे रेलवे

Bhaskar Hindi
Update: 2021-02-23 10:06 GMT
खंडवा के चिडिय़ा मैदान मामले में आपत्तियों की सुनवाई करे रेलवे

डिजिटल डेस्क जबलपुर ।  मप्र हाईकोर्ट के जस्टिस विशाल धगट ने रेलवे को निर्देश दिया है कि खंडवा के चिडिय़ा मैदान मामले में स्थानीय नागरिकों की आपत्तियों की सुनवाई करे। विधिवत सुनवाई का अवसर देने के बाद ही नियमानुसार कार्रवाई की जाए।  एकल पीठ ने इस निर्देश के साथ याचिका का निराकरण कर दिया है।खंडवा निवासी प्रेम पटोले और अन्य की ओर से दायर याचिका में कहा गया है कि पश्चिम मध्य रेलवे ने खंडवा के चिडिय़ा मैदान में रहने वाले लोगों को 7 दिन के भीतर स्वयं के खर्च पर मकान तोडऩे के लिए कहा है। अधिवक्ता भूपेन्द्र कुमार शुक्ला ने तर्क दिया कि खंडवा के चिडिय़ा मैदान में कई परिवार पाँच व छह दशक से रह रहे हैं। उनका बिजली और पानी का बिल आता है। रेलवे ने बिना नोटिस जारी किए और लोगों को सुनवाई का अवसर दिए बगैर, सीधे मकान तोडऩे का नोटिस जारी कर दिया। यह प्राकृतिक न्याय के सिद्धांत के खिलाफ है। रेलवे की ओर से अधिवक्ता गोविन्द पटेल ने कहा कि रेलवे अपने स्वामित्व की जमीन से बेदखली की कार्रवाई कर रहा है। सुनवाई के बाद एकल पीठ ने रेलवे को चिडिय़ा मैदान में रहने वाले लोगों की आपत्तियों की सुनवाई करने का निर्देश दिया है।

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