कम्प्यूटर साइंस के विद्यार्थियों को थमाया आईटी का पेपर, 3 दिन बाद यूनिवर्सिटी ने मानी गलती

कम्प्यूटर साइंस के विद्यार्थियों को थमाया आईटी का पेपर, 3 दिन बाद यूनिवर्सिटी ने मानी गलती

Bhaskar Hindi
Update: 2017-11-21 06:08 GMT
कम्प्यूटर साइंस के विद्यार्थियों को थमाया आईटी का पेपर, 3 दिन बाद यूनिवर्सिटी ने मानी गलती

डिजिटल डेस्क, नागपुर। एग्जाम में स्टूडेंट की गलती उसके रिजल्ट पर पड़ती है, लेकिन यदि यूनिवर्सिटी ही गलती करे तो उसका परिणाम कौन भुगतेगा ? यह सवालिया निशान इन दिनों उठ रहा है। दरअसल नागपुर यूनिवर्सिटी में इन दिनों विंटर एग्जाम चल रहे हैं  जिसका एक केंद्र शहर के सेमिनरी हिल्स स्थित एसएफएस कॉलेज भी है। यहां हुई परीक्षा में बड़ी गड़बड़ी सामने आई है। 


गलती ध्यान में आने के बाद लगाई गुहार
जानकारी के अनुसार शुक्रवार को दोपहर दो से शाम पांच बजे तक यहां परीक्षा हुई। इसमें परीक्षकाें ने बड़ी लापरवाही करते हुए एमएससी कम्प्यूटर साइंस के तीसरे सेमेस्टर के विद्यार्थियों को गलत प्रश्न-पत्र दे दिया। आश्चर्य है कि यहां परीक्षा दे रहे 138 विद्यार्थियों में से किसी ने भी इस गलती की ओर ध्यान नहीं दिया और पेपर हल करने लगे। पेपर समाप्त होने के बाद जब विद्यार्थी बाहर निकले तो उन्हें इस गलती का ध्यान आया। विद्यार्थियों के अनुसार केंद्र से इस संबंध में कोई मदद नहीं मिली। अगले दो दिन शनिवार और रविवार की छुट्टी के कारण विद्यार्थी विश्वविद्यालय से संपर्क नहीं कर सके। सोमवार को सुबह विद्यार्थियों ने परीक्षा भवन में पहुंच कर परीक्षा व मूल्यांकन बोर्ड डायरेक्टर से इसकी शिकायत की।

विषय के नाम एक जैसे
शुक्रवार को दोपहर दो बजे से एसएफएस कॉलेज में एमएससी (कम्प्यूटर साइंस) के तीसरे सेमेस्टर के विद्यार्थियों की सॉफ्टवेयर इंजीनियरिंग विषय की परीक्षा थी। नागपुर के विविध कॉलेजों के कुल 138 विद्यार्थी यहां परीक्षा देने पहुंचे थे। दो बजे केंद्र पर पेपर शुरू हुआ। विद्यार्थियों के अनुसार निरीक्षकों ने भारी लापरवाही बरतते हुए उन्हें एमएससी (आईटी) के सॉफ्टवेयर इंजीनियरिंग विषय का पर्चा थमा दिया। परीक्षा के दबाव में विद्यार्थियों से भी चूक हुई, और किसी भी विद्यार्थी ने परीक्षा के तीन घंटे के दौरान इस पर विरोध नहीं जताया। पूरा पर्चा हल करने के बाद जब वे केंद्र से बाहर निकले और प्रश्न-पत्र के संबंध में सहपाठियों से चर्चा करने लगे तो उन्हें यह गलती समझ में आई। केंद्र प्रमुख से संपर्क करने के बाद भी उन्हें कोई मदद नहीं मिली। बाद में उन्होंने परीक्षा विभाग से इस संबंध में शिकायत की है।

गलती तो हुई है
नागपुर विश्वविद्यालय डायरेक्टर परीक्षा व मूल्यांकन बोर्ड डॉ. नीरज खटी का कहना है कि यह बात सही है कि इस केंद्र पर विद्यार्थियों को गलत पर्चा दिया गया है। हमने प्रारंभिक पूछताछ शुरू कर दी है और मामले की जांच की जाएगी। केंद्र प्रमुख और निरीक्षकों की गलती तो है ही, लेकिन विद्यार्थियों को ऐसी लापरवाही नहीं करनी चाहिए थी। हर पेपर हल करने के पहले उसका नाम ठीक से पढ़ लेना चाहिए। अब विद्यार्थियों की परीक्षा पर जो भी निर्णय लिया जाएगा, वह वरिष्ठ अधिकारियों से परामर्श के बाद ही बता सकूंगा।

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