रेल नीर के बॉटलिंग प्लांट में ‘रिसाइक्लिंग प्लांट’ रोड़ा

रेल नीर के बॉटलिंग प्लांट में ‘रिसाइक्लिंग प्लांट’ रोड़ा

Anita Peddulwar
Update: 2018-04-11 09:07 GMT
रेल नीर के बॉटलिंग प्लांट में ‘रिसाइक्लिंग प्लांट’ रोड़ा

डिजिटल डेस्क,नागपुर।  रेल नीर की अबाधित आपूर्ति के लिए रेल नीर प्लांट बुटीबोरी में लगभग बनकर पूरा होने की ओर है, लेकिन महाराष्ट्र सरकार ने इस प्लांट के पूरा होने की राह में अटकलें पैदा कर दी हैं। दो लाख लीटर प्रतिदिन पानी उत्पादन की क्षमता वाले प्लांट को पूरी क्षमता के साथ शुरू करना फिलहाल मुश्किल दिखाई दे रहा है। रेल नीर का बुटीबोरी स्थित प्लांट मार्च अंत तक शुरू होने की संभावना थी, लेकिन अब इस प्लांट को पूरा होने में और तीन से चार माह लगने की संभावना है। प्लास्टिक बोतल के रिसाइक्लिंग प्लांट को लगाने की अनिवार्यता से न केवल परियोजना की लागत बढ़ेगी, बल्कि इसके पूरा होने में और समय लग सकता है। इससे उत्पादन प्रक्रिया पर क्या असर पड़ेगा यह फिलहाल स्पष्ट नहीं हो पाया है। 

प्लास्टिक बोतलों को रिसाइकिल करने का है आदेश
दरअसल महाराष्ट्र सरकार ने प्लास्टिक पर नियंत्रण रखने के लिए नई पॉलिसी बनाने के बाद केवल दूध की पन्नी, पानी की बोतलें (500 एमएल तक) आदि बेहद आवश्यक सामग्रियों की प्लास्टिक में पैकिंग को छूट दी है, लेकिन पानी की बोतलों का उत्पादन करने वाली कंपनियों को रीसाइक्लिंग प्लांट लगाकर पानी की बोतलों को रिसाइकिल करने के आदेश दिए हैं। इससे महाराष्ट्र में आने वाली पानी की बोतलबंद कंपनियों को रिसाइकिल प्लांट स्थापित करने की नई तलवार लटकी हुई है। यही वजह है कि, भले ही इस प्रोजेक्ट को आईआरसीटीसी तैयार कर रही हो, लेकिन प्रदेश सरकार के नियमों का पालन करना वक्त की जरूरत बन गई है। बता दें कि मध्य रेलवे ने यात्रियों के हितों और स्वास्थ्य सुरक्षा को मद्देनजर रखते हुए निजी बोतलबंद कंपनियों के पानी की बिक्री पर रोक लगा दी है। स्टेशन परिसर में पूरी तरह रेल नीर की बिक्री को अनिवार्य किया गया है। फिलहाल नागपुर समेत अजनी व आस-पास के अन्य स्टेशनों को रेल नीर की आपूर्ति बिलासपुर से की जाती है। इसमें ट्रांसपोर्ट कॉस्ट भी बढ़ जाती है, जिससे विक्रेताओं को उस पैमाने पर प्रॉफिट नहीं मिल पाता जिस प्रमाण में मिलना चाहिए। लिहाजा सभी की निगाहें बुटीबोरी के रेल नीर बॉटलिंग प्लांट पर लगी हुई हैं कि, वह कब पूरी बनकर तैयार होगा और सीजन में उन्हें सप्लाई मिलने लगेगी, पर फिलहाल यह सपना पूरा होने में और समय लगने की संभावनाएं है। 

मांग-आपूर्ति में संतुलन बनाए रखना होगी चुनौती
केवल नागपुर स्टेशन पर गर्मी शुरू होने से पहले तकरीबन 600 से 700 बोतल प्रतिदिन की खपत होने की सूचना है, जबकि मई-जून में यह मांग और बढ़कर 1200 बोतल प्रतिदिन तक पहुंचने की संभावना बनी रहती है, लेकिन प्लांट बनने में देरी से मांग और आपूर्ति का संतुलन बनाए रखना बड़ी चुनौती होगी। 

Similar News