शिवसेना को कांग्रेस का रेड सिग्नल, गठबंधन से साफ इंकार

शिवसेना को कांग्रेस का रेड सिग्नल, गठबंधन से साफ इंकार

Tejinder Singh
Update: 2018-08-03 14:27 GMT
शिवसेना को कांग्रेस का रेड सिग्नल, गठबंधन से साफ इंकार

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। भाजपा के साथ शिवसेना के लगातार तल्ख होते संबंधों के बावजूद शिवसेना का कांग्रेस के साथ सियासी समझ बनने कोई संभावना नहीं है। दरअसल कांग्रेस और शिवसेना के बीच दोनों की विचारधारा आड़े आ गई है। कांग्रेस के उच्च पदस्थ सूत्रों ने बताया कि शिवसेना और कांग्रेस की विचारधारा एकदम अलग-अलग  है। ऐसे में किसी मसले पर एकमत होने के बावजूद दोनों दलों के बीच सियासी गठबंधन नहीं होगा। मौजूदा परिस्थिति में सरकार का नेतृत्व कर रही भाजपा का विरोध करने में शिवसेना कांग्रेस से भी दो कदम आगे हैं। लिहाजा आने वाले दिनों में महाराष्ट्र में कांग्रेस और शिवसेना के बीच संभावित गठबंधन की चर्चा जोर पकड़ने लगी थी। लेकिन कांग्रेस के भरोसेमंद सूत्र ने साफ किया कि दोनों दलों के बीच गठबंधन संभव नहीं है। 

संभव नहीं गठबंधन
सूत्र का कहना है कि कांग्रेस कभी भी अपनी विचारधारा से समझौता नहीं करती। ऐसे में पार्टी समान विचारधारा वाले दलों के साथ ही आगामी चुनावों में गठबंधन करेगी। कांग्रेस की इस दो टूक के बाद उस सियासी थ्योरी की हवा निकल गई है, जिसमें कहा जा रहा था कि भाजपा से अलग होकर चुनाव लड़ने की तैयारी में कर रही शिवसेना का कांग्रेस के साथ गठबंधन हो सकता है।

दोनों दलों के बीच गठबंधन बनने की संभावना इसलिए भी जताई जा रही थी कि शिवसेना कई मर्तबा कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की तारीफ कर चुकी है। राहुल गांधी ने भी पिछले हफ्ते शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे को उनके जन्मदिवस पर पहली बार बधाई दी है। संसद के दोनों सदनों में भी कांग्रेस और शिवसेना के सदस्यों के बीच सहृदयता साफ दिखती है। हालांकि कांग्रेस के स्पष्ट इंकार के बावजूद दोनों दलों के बीच कुछ सीटों पर रणनीतिक समझ बनने की संभावना को खारिज नहीं किया जा रहा है।

बैसाखी के सहारे भाजपा को मात देगी कांग्रेस 
भाजपा के सामने खुद को कमजोर पा रही कांग्रेस अगले चुनाव में बैसाखी की मदद से खड़ा होने की कोशिश में है। कांग्रेस की यह बैसाखी सपा, बसपा और राजद जैसी पार्टियां होंगी। कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता ने बताया कि उत्तरप्रदेश, बिहार और महाराष्ट्र में गठबंधन ठीक ठाक हो गया तो केन्द्र में भाजपा की सरकार बनने की संभावना खत्म समझिए। उन्होंने कहा कि इन तीनों राज्यों में विपक्षी पार्टियों के बीच गठबंधन होना तय है। पार्टी के इस नेता का साफ मानना है कि यदि भाजपा 230 से 240 सीटों पर अटक गई तो फिर मोदी दोबारा प्रधानमंत्री नहीं बन पाएंगे। 

Similar News