युवक की बेदर्दी से पिटाई के मामले में एएससी की जाँच करेंगे आरपीएफ कमांडेंट

युवक की बेदर्दी से पिटाई के मामले में एएससी की जाँच करेंगे आरपीएफ कमांडेंट

Bhaskar Hindi
Update: 2020-08-01 12:44 GMT
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डिजिटल डेस्क जबलपुर । मालगाड़ी का डीजल व अन्य सामग्री चुराने के आरोप में आरपीएफ के एएससी अजय एन संसारे द्वारा एक युवक बसंत पटेल  की बेदर्दी से की गई पिटाई के मामले में रेलवे न्यायालय के मजिस्ट्रेट प्रकाश कुमार उइके द्वारा संज्ञान लिए जाने के बाद अब रेलवे के वरिष्ठ अधिकारियों ने आरपीएफ कमांडेंट अरुण त्रिपाठी को जाँच की जिम्मेदारी सौंपी है। वहीं रेलवे कोर्ट में आरपीएफ स्टाफ के बयान 4 अगस्त को दर्ज होंगे। रेलवे से मिली जानकारी के अनुसार सागर रेल खंड के ईशरवारा स्टेशन पर खड़ी बीटीपीएन डीजल लोडेड मालगाड़ी से डीजल, फिश प्लेट और अन्य सामग्री की चोरी के मामले में आरपीएफ नरयावली निवासी आरोपी बसंत पटेल को रेल न्यायालय लाया गया, लेकिन आरोपी ने रेलवे मजिस्ट्रेट के सामने आवेदन पेश करते हुए आरपीएफ के एएससी पर मारपीट करने और शासकीय अधिवक्ता पर वकील से न मिलने के गंभीर आरोप लगाए तब उन्हें गंभीरता से लेते हुए रेलवे मजिस्ट्रेट ने सागर आरपीएफ पोस्ट प्रभारी को तीन दिनों के भीतर स्पष्टीकरण प्रस्तुत करने के आदेश जारी किए, जिसके बाद अब 4 अगस्त को रेलवे मजिस्ट्रेट के सामने सागर आरपीएफ थाना प्रभारी श्वेता सूर्यवंशी, हैड कांस्टेबल राजेश रैकवार, सीपी पांडे के बयान दर्ज किए जाएँगे। 
कोर्ट के बाहर से बिना कुछ बताए उठा ले जाने और मारपीट का आरोप 
रेलवे मजिस्ट्रेट को फरियादी बसंत पटेल ने लिखित आवेदन में बताया कि 24 जुलाई को सागर आरपीएफ ने मुझे कोर्ट में पेश किया। उसके बाद आरपीएफ के एएससी श्री संसारे और सरकारी वकील बिना कुछ बताए मुझे कोर्ट से उठाकर ले गए। उन्होंने मेरे साथ एक घंटे तक मारपीट की और मुझे डराया भी। यह सब करने के बाद उन्होंने मुझे कोर्ट वापस लाकर छोड़ दिया और मुझे मेरे वकील से मिलने भी नहीं दिया। जिसकी वजह से मेरी जमानत रद्द हो गई। उसके बाद दोनों ने मुझे धमकी दी कि अगर यह बात किसी को भी बताई तो उसको दोबारा केस में फँसा दिया जाएगा। आवेदन पर संज्ञान लेते हुए रेलवे मजिस्ट्रेट ने सागर आरपीएफ के सहायक उपनिरीक्षक पीपी पांडे को कारण बताओ नोटिस जारी कर तीन दिनों के भीतर प्रतिवेदन प्रस्तुत करने के आदेश दिए, साथ ही नोटिस की कॉपी आरपीएफ डीआईजी और डीएससी को भी प्रेषित की गई है। जिसके आधार पर मामले की जाँच करने की जिम्मेदारी आरपीएफ कमांडेंट को सौंपी गई है।

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