अवैध उत्खनन पर हो रही कार्रवाई को रोकने के लिए रेत माफिया ने महिलाओं को किया आगे

अवैध उत्खनन पर हो रही कार्रवाई को रोकने के लिए रेत माफिया ने महिलाओं को किया आगे

Bhaskar Hindi
Update: 2018-04-07 07:32 GMT
अवैध उत्खनन पर हो रही कार्रवाई को रोकने के लिए रेत माफिया ने महिलाओं को किया आगे

डिजिटल डेस्क, छतरपुर/लवकुशनगर। केन नदी में हो रहे रेत के अवैध उत्खनन को रोकने पहुंची संयुक्त टीम को उस समय स्थानीय जनों के विरोध का सामना करना पड़ गया, जब नदी में रेत निकालने के लिए लगाई गई एलएनटी मशीन और लिफ्टर को जब्त कर थाने ले जा रहे थे। केन नदी का सीना छलनी करने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ रहे रेत माफिया ने कार्रवाई को रोकने के महिलाओं और गांव के भोले भाले लोगों को आगे कर दिया। सैकड़ों की संख्या में उपस्थित ग्रामीणों ने संयुक्त टीम को चारों तरफ से घेर लिया और जब्त की गई मशीन को ले जाने से रोक दिया। ग्रामीणों के बीच घिरे टीम के सदस्यों ने आनन-फानन में तत्काल और पुलिस बल बुलवाया, उसके बाद जाकर मामला शांत हुआ और मशीनों को जब्त किया जा सका।

शुक्रवार को की गई कार्रवाई में गौरिहार तहसीलदार रामकिशोर झरबड़े, सरवई नायबमहसीलदार श्रीपत अहिरवार, गोयरा थाना प्रभारी बलराम सिंह राठौर, सरवई थाना प्रभारी अनूप यादव, गौरिहार थाना प्रभारी सुखेंद्र सिंह सहित अन्य पुलिस बल का सराहनीय योगदान रहा। Ãकेन नदी के बारीखेड़ा घाट से अवैध रेत निकासी किए जाने की सूचना पर कार्रवाई करने पहुंचे थे। जिस समय मशीनों को जब्त कर ले जाया जा रहा था, उसी समय गांव के सैकड़ों लोगों ने रास्ता रोक लिया और कार्रवाई का विरोध किया। बाद में मामला शांत होने पर मशीनों को जब्त कर थाने में खड़ा करवाया गया।

 

खुदाई की उपकरण छोड़ कर भाग गया माफिया 
श्रीपत अहिरवार, नायब तहसीलदार,सरवई रेत माफिया के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए पुलिस, राजस्व और खनिज विभाग के अधिकारी सुबह 11 बजे ही कार्रवाई करने के लिए पहुंच गए थे। अधिकारियों की भनक लगने से खनन माफिया एलएनटी सहित अन्य उपकरण मौके पर ही छोड़ कर भाग खड़ा हुआ था। उसके बाद रेत माफिया के लोगों ने गांव के सैकड़ों लोगों को मौके पर भेज दिया। गांव के लोगों ने कार्रवाई टीम को घंटों घेरे रखा। बाद में जब गौरिहार, सरवई, गोयार तीन थानों से पुलिस बल मौके पर भेजा गया, उसके बाद गांव के लोगों ने अधिकारियों को जाने दिया। 

नहीं रहा खौफ
लवकुशनगर क्षेत्र में रेत माफिया के हौसले इतने बुलंद हो चुके हैं कि उन्हें प्रशासन और कानून का खौफ नहीं है। रेत माफिया नदी से रेत निकालने के लिए गांव की भोली भाली महिलाओं और बच्चों को मोहरा बना रहे हैं। ग्रामीणों को पैसों का लालच देकर रेत निकासी के काम में लगा रहे हैं। क्षेत्र में काम-धंधा न होने से महिलाएं और बच्चे भी रेत के कारोबार से जुड़ गए हैं। यही वजह है कि जब भी शासन-प्रशासन के लोग कार्रवाई करने के लिए जाते हैं तो रेत माफिया गांव के लोगों को आगे कर मौके से फरार हो जाता है।

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