PM आवास की किश्त स्वीकृत, सरपंच, सचिव मांग रहे हितग्राहियों से दस-दस हजार रुपए

PM आवास की किश्त स्वीकृत, सरपंच, सचिव मांग रहे हितग्राहियों से दस-दस हजार रुपए

Bhaskar Hindi
Update: 2018-06-27 09:08 GMT
PM आवास की किश्त स्वीकृत, सरपंच, सचिव मांग रहे हितग्राहियों से दस-दस हजार रुपए

डिजिटल डेस्क, छतरपुर। प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत राजनगर तहसील के भैरा ग्राम पंचायत के दर्जनों हितग्राहियों को प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ मिला सरकार द्वारा दिया गया। समय पर हितग्राहियों के आवास बन सके इसके लिए शासन द्वारा हितग्राहियों को योजना की प्रथम किश्त भी जारी कर दी गई, लेकिन प्रथम किश्त जारी होते ही ग्राम पंचायत से सरपंच और सचिव हितग्राहियों से दस-दस हजार रुपए की मांग करने लगे। हितग्राहियों ने जब पैसे देने से मना किया तो उन्होंने साफ कहा की आप के आवास की फोटो साफ्टवेयर में अपलोड नहीं की जाएगी।

इस मामले की शिकातय लेकर ग्राम पंचायत के सभी वाशिंदे जन सुनवाई में पहुंचे। शिकायतकर्ता का कहना है कि प्रधानमंत्री आवास योजना की पहली किश्त जारी होने पर सरपंच, सचिव ने उनसे भेरा निवासी हरीराम यादव, किशोरी कुशवाहा, लक्ष्मण कुशवाहा, परदेशी आदिवासी, पंचायतन आदिवासी, भुगता आदिवासी, लल्ला बाई, नथुवा आदिवासी, पुन्ना आदिवासी, विनइया आदिवासी, मोहन कुशवाहा सहित अन्य लोगों से पैसों की मांग है।

हाउसिंग बोर्ड खाली करा रहा जमीन
पिछले 80 वर्षों से निवासरत गुरईया सरदारनपुरवा के निवासियों की रात की नींद उड़ गई है, कारण जिस जगह पर रह रहे थे उस जगह को हाउसिंग बोर्ड अपनी जमीन बताते हुए जमीन खाली करने का नोटिस थमा दिया है। जनसुनवाई में शिकायत लेकर पहुंचे राजेंद्र सिंह सरदार, बबलू सरदार, तेजस्वी सरदार, सिमरन कौर सहित अन्य लोगों का कहना है कि जिस जमीन पर वे पुश्तैनी रुप से निवास कर रहे है उस जमीन का मालिकाना पटटा उनके पास है। जमीन का पटटा होने के बाद भी हाउसिंग बोर्ड मकान खाली करने का नोटिस जारी कर रहा है। पीड़ितों ने कलेक्टर से मदद की गुहार लगाई है।

जान हथेली पर लेकर सफर कर रहे लोग
लंबे समय से खस्ताहाल टीकमगढ़-बानपुर रोड का निर्माण चल रहा है। सड़क निर्माण के दौरान ठेकेदार की ओर से नियमों की अनदेखी की जा रही है। एक ओर लोगों के आवागमन के लिए डायवर्सन रोड नहीं बनाया गया है। वहीं बीच रास्ते में रेत डालकर लोगों को आने जाने से रोका जा रहा है। डायवर्सन रोड नहीं बनाए जाने से हर दिन लोगों को जान हथेली पर लेकर सफर करना पड़ रहा है।

 

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