513 करोड़ के हवाला कांड के आरोपी ने किया सरेंडर, स्पेशल कोर्ट ने जेल भेजा

513 करोड़ के हवाला कांड के आरोपी ने किया सरेंडर, स्पेशल कोर्ट ने जेल भेजा

Bhaskar Hindi
Update: 2019-08-20 08:36 GMT
513 करोड़ के हवाला कांड के आरोपी ने किया सरेंडर, स्पेशल कोर्ट ने जेल भेजा

डिजिटल डेस्क, जबलपुर। कटनी के बहुचर्चित 513 करोड़ के हवाला कांड के आरोपी सतीश सरावगी ने सोमवार को मनी लॉड्रिंग की स्पेशल कोर्ट में सरेंडर कर दिया। स्पेशल जज एडीजे माया विश्वलाल की अदालत ने आरोपी को सेंट्रल जेल जबलपुर भेज दिया है। आरोपी की जमानत पर सुनवाई 20 अगस्त को नियत की गई है।

प्रकरण दर्ज होने के बाद से सतीश सरावगी फरार था

अतिरिक्त लोक अभियोजक राजकुमार गुप्ता ने बताया कि सतीश सरावगी पर आरोप है कि वर्ष 2016 में उसने कटनी के एक्सिस बैंक से हवाला के जरिए 513 करोड़ रुपए का लेनदेन किया। इसमें से 204 करोड़ रुपए नकद जमा कराए गए थे। इस मामले का खुलासा होने के बाद पूरे प्रदेश में जमकर बवाल मचा था। जांच के बाद सतीश सरावगी और अन्य के खिलाफ कटनी कोतवाली थाने में धारा 420, 467 व 471 और प्रवर्तन निदेशालय इंदौर ने मनी लॉड्रिंग एक्ट 2002 की धारा 2 (1) (वाय) (3) के तहत अलग-अलग प्रकरण पंजीबद्द्ध किया था। प्रकरण दर्ज होने के बाद से सतीश सरावगी फरार था। सोमवार को सतीश सरावगी ने मनी लॉड्रिंग के मामले की सुनवाई के लिए बनाई गई स्पेशल कोर्ट में सरेंडर कर दिया। आरोपी की ओर से जमानत आवेदन भी पेश किया गया। स्पेशल जज ने आरोपी को जेल भेजते हुए जमानत आवेदन पर सुनवाई 20 अगस्त को नियत की है।

निर्दोष व्यक्ति को हवालात बंद कर क्यों की गई मारपीट

हाईकोर्ट ने गृह सचिव, डीजीपी, रीवा एसपी और लौर थाना प्रभारी को नोटिस जारी कर पूछा है कि निर्दोष व्यक्ति को हवालात में बंद कर क्यों मारपीट की गई। जस्टिस विशाल धगट की एकल पीठ ने चार सप्ताह में जवाब-तलब किया है। 

रीवा निवासी श्रीकांत मिश्रा की ओर से दायर याचिका में कहा गया है कि 1 जुलाई 2019 को लौर थाने की पुलिस उनके घर आई। बिना किसी कारण के याचिकाकर्ता के पुत्र को उठाकर थाने ले आई। जब याचिकाकर्ता अपने परिजनों के साथ पुत्र की गिरफ्तारी का कारण पूछने थाने पहुंचा तो पुलिस ने पहले उनके साथ अभद्रता की। इसके बाद उन्हें भी हवालात में बंद कर दिया गया। हवालात में उनके साथ बेरहमी से मारपीट की गई। दूसरे दिन धारा 151 का प्रकरण पंजीबद्द्ध कर उन्हें एसडीएम के समक्ष पेश किया। अधिवक्ता भूपेन्द्र कुमार शुक्ला ने एकल पीठ को बताया कि याचिकाकर्ता और उनके परिजनों के साथ हुई मारपीट का मेडिकल परीक्षण कराया गया था। मेडिकल रिपोर्ट में कहा गया है कि पुलिस की मारपीट से उनके शरीर में कई जगह चोट आई थी। प्रांरभिक सुनवाई के बाद एकल पीठ ने अनावेदकों को नोटिस जारी कर जवाब-तलब किया है।
 

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