भीमा-कोरेगांव मामले में महाराष्ट्र सरकार की अपील पर सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रखा

भीमा-कोरेगांव मामले में महाराष्ट्र सरकार की अपील पर सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रखा

Tejinder Singh
Update: 2019-01-10 16:30 GMT
भीमा-कोरेगांव मामले में महाराष्ट्र सरकार की अपील पर सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रखा

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने भीमा-कोरेगांव हिंसा मामले में आरोप पत्र दाखिल करने की अवधि 90 दिन और बढा़ने से इंकार करने के बॉम्बे हाईकोर्ट के निर्णय के लिए महाराष्ट्र सरकार की अपील पर गुरुवार को फैसला सुरक्षित रख लिया है। मुख्य जस्टिस रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली बेंच ने कहा कि सभी संबंधित पक्षों की दलींले पूरी हो जाने के बाद इस पर फैसला सुनाया जाएगा।

पिछले 29 अक्टूबर को सुप्रीम कोर्ट में भीमा-कोरेगाव हिंसा मामले में महाराष्ट्र सरकार की दो अलग-अलग याचिकाओं पर सुनवाई हुई थी। जिसमें से एक में सुप्रीम कोर्ट ने बॉम्बे हाईकोर्ट के आदेश पर रोक लगा दी थी, जबकि अन्य याचिका पर मानवाधिकार कार्यकर्ता गौतम नवलखा को नोटिस जारी किया था।

महाराष्ट्र सरकार की ओर से पेश वरिष्ठ वकील मुकुल रोहतगी ने दलील देते हुए कहा था कि तकनीकी कारणों से चार्जशीट दाखिल नही हो पाई। अगले दस दिनों में चार्जशीट दाखिल होगी। महाराष्ट्र सरकार ने बॉम्बे हाईकोर्ट के आदेश को चुनौती दी थी, जिसमें पुणे पुलिस को आरोप पत्र दाखिल करने के लिए 90 दिन की मोहलत देने के निचली अदालत के आदेश को रद्द कर दिया था। 
 

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