यूनिवर्सिटी का जायजा लेगी अनुसूचित जाति कल्याण समिति

यूनिवर्सिटी का जायजा लेगी अनुसूचित जाति कल्याण समिति

Anita Peddulwar
Update: 2018-01-18 10:12 GMT
यूनिवर्सिटी का जायजा लेगी अनुसूचित जाति कल्याण समिति

डिजिटल डेस्क,नागपुर । अनुसूचित जाति कल्याण समिति 23 जनवरी को यूनिवर्सिटी का दौरा करेगी। समिति विवि में अनुसूचित जाति के कर्मचारियों की पदभर्ती और प्रमोशन के बैकलॉग की पड़ताल करेगी। बता दें कि विश्वविद्यालय में कर्मचारियों की स्थिति का इस तरह निरीक्षण पहली बार किया जा रहा है। राष्ट्रसंत तुकड़ोजी महाराज नागपुर विश्वविद्यालय में रिक्त पद मुख्य समस्या है। राज्य सरकार के विविध नियमों के चलते लंबे समय से पदभर्ती लटकी पड़ी है। इस पर भी विवि में जो कर्मचारी विविध पदों पर तैनात हैं, लंबे समय से उनका प्रमोशन नहीं हुआ है। इस पूरे बैकलॉग को भरने के लिए विवि के कर्मचारी विविध स्तरों पर कोशिशें कर रहे हैं। अब अनुसूचित जाति कल्याण समिति ने कर्मचारियों की सुध लेने का निर्णय लिया है। समिति में हरीश पिंपले,  मिलिंद माने,   प्रकाश गजभिए, प्रा.जोगेंद्र कवाडे, कपिल पाटिल, राजू तोड़साम सहित अन्य विधायक उपस्थित रहेंगे।
नागपुर विश्वविद्यालय में अनुसूचित जाति के कर्मचारियों की संख्या 150 के करीब है। ये कर्मचारी क्लास-1 से लेकर क्लास-4 तक के पदों पर कार्यरत हैं। सरकारी नियम के अनुसार विवि में 13 प्रतिशत पदों पर अनुसूचित जाति के श्रेणियों की नियुक्ति अनिवार्य है। लेकिन नागपुर विश्वविद्यालय में स्थिति जरा उलट है। कर्मचारियों और विविध सामाजिक संगठनों द्वारा समय समय पर कर्मचारियों की नियुक्ति के बैकलॉग और अन्य कल्याणकारी मांगों का मुद्दा उपस्थित किया जाता है। हाल ही में इस संदर्भ में जिलाधिकारी कार्यालय में बैठक हुई। प्रशासकीय अधिकारियों के अलावा, नागपुर विवि के उपकुलसचिव प्रदीप मसराम, समिति के प्रतिनिधि इस बैठक में उपस्थित थे। बैठक में तय हुआ है कि समिति 23 जनवरी को विवि में दौरा करके   स्थिति का जायजा लेगी। 
अधिकारियों पर हो सकती है कार्रवाई
23 जनवरी को समिति विश्वविद्यालय के प्रशासकीय परिसर में दौरा करेगी। इसमें विश्वविद्यालय में अनुसूचित जाति कर्मचारियों से जुड़े सभी दस्तावेजों की पड़ताल की जाएगी। इसमें मुख्य रूप से खाली पदों की संख्या, प्रमोशन का बैकलॉग, जाति पड़ताल जैसे विषयों के रिकॉर्ड बुक खंगाले जाएंगे। अगर समिति को इसमें कुछ गड़बड़ी मिलती है, कर्मचारियों को प्रमोशन न देने जैसे कारणों पर संबंधित अधिकारियों से भी स्पष्टीकरण मांगा जाएगा। स्पष्टीकरण से समिति संतुष्ट नहीं हुई, तो सरकार को संबंधित अधिकारी पर कार्रवाई करने की सिफारिश भी भेजी जा सकती है। 
 

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