सटई से आए ग्रामीणों का गंभीर आरोप-पटवारी और स्थानीय विधायक करवा रहे जमीन पर कब्जा

सटई से आए ग्रामीणों का गंभीर आरोप-पटवारी और स्थानीय विधायक करवा रहे जमीन पर कब्जा

Bhaskar Hindi
Update: 2020-10-19 10:18 GMT
सटई से आए ग्रामीणों का गंभीर आरोप-पटवारी और स्थानीय विधायक करवा रहे जमीन पर कब्जा

डिजिटल डेस्क छतरपुर । सटई में अपनी बेशकीमती जमीन पर कब्जे से परेशान घनश्यान रैकवार का परिवार रविवार की सुबह कलेक्टर बंगला के सामने जमीन पर बैठ गया। परिवार को अंदाजा था कि साहब बाहर निकलेंगे तो अपनी व्यथा सुना लेंगे। विधायक, पटवारी के अलावा दबंगों पर गंभीर आरोप लगाते हुए परिवार की बेटियां जमीन जाने पर आत्महत्या कर लेने की चेतावनी दी रहीं थीं। वहां कलेक्टर तो नहीं आए, लेकिन तहसीलदार संजय शर्मा जरूर पहुंचे और इस परिवार की व्यथा को सुने बगैर बुरी तरह भगाने लगे। हालांकि बाद में उन्होंने मीडिया और कैमरों को देखकर रुख बदला। तहसीलदार ने लगभग दो घंटे बाद इस परिवार को स्थगन भी दिला दिया। 
सटई के वार्ड 6 निवासी घनश्याम रैकवार व उसके परिवार के लोगों ने रविवार को कलेक्टर बंगले के सामने जमीन पर बैठकर प्रदर्शन करते हुए आरोप लगाया कि पटवारी व स्थानीय विधायक मिलकर उसकी पुश्तैनी जमीन पर कब्जा करवा रहे हैं। अधिकारियों से शिकायत करने के बाद जब कोई सुनवाई नहीं हुई तो उसे परिवार सहित शिकायत लेकर कलेक्टर के पास आना पड़ा, लेकिन कलेक्टर ने भी राजनैतिक दबाव के चलते उसकी शिकायत को नहीं सुना। दरअसल घनश्याम का कहना है कि खसरा नंबर 3189/6, 3222/ 12, 3222/14, 3222/15, 8 हैक्टेयर पुश्तैनी जमीन है। जिस पर कुछ लोग विधायक बबलू शुक्ला की शह पर जबरन कब्जा कर रहे हैं।
रास्ते से उठाकर ले गए
घनश्याम का कहना है कि शनिवार को जब वह नित्यक्रिया करने गया था, उसी समय आधा दर्जन लोग आए और उसे जबरन पकड़कर विधायक के घर ले गए। जहां पर विधायक व उनके साथियों ने जमीन खाली करने का दबाव बनाया। पटवारी सुरेंद्र राय, बाबूलाल गुप्ता, करण सिंह व उनके साथी जबरन पकड़कर विधायक के पास लेकर गए थे। यही लोग जमीन पर कब्जा करना चाह रहे हैं। घनश्याम की बेटियों ने कहा कि परिवार बहुत बड़ा है, अगर जमीन पर कब्जा हो गया तो वे कहीं के नहीं रहेंगी।
बेशकीमती है जमीन
जिस जमीन को लेकर विवाद चल रहा है, वह जमीन सटई मुख्य सड़क से लगी हुई है। जिसकी कीमत लाखों में है। घनश्याम का कहना है कि बेशकीमती जमीन पर दबंगों की नजर है। इसीलिए जबरन कब्जा करना चाह रहे हैं। वहीं इस मामले में बिजावर एसडीएम डीपी द्विवेदी का कहना है कि घनश्याम एक दो बार शिकायत लेकर उनके पास आया था, लिहाजा उन्होंने घनश्याम से जमीन का सीमांकन और नक्शा तरमीम कराने को कहा था, लेकिन उसने न तो सीमांकन का आवेदन दिया और न नक्शा तरमीम का। एसडीएम का कहना है कि घनश्याम की जमीन से लगी हुई कुछ सरकारी जमीन भी है। जिसमें कुछ हिस्से में घनश्याम ने कब्जा कर रखा है।
मेरा कोई लेना देना नहीं - विधायक राजेश शुक्ला
पीडि़त परिवार द्वारा बिजावर विधायक राजेश शुक्ला पर जमीन पर कब्जा कराए जाने का आरोप लगाए जाने पर उन्होंने कहा कि इस मामले से उनका कोई लेना देना नहीं है। यह बात सही है कि शनिवार को घनश्याम अपने कुछ साथियों के साथ जमीन पर कुछ लोगों द्वारा कब्जा किए जाने की शिकायत लेकर आया था, जिस पर उन्होंने उसे भरोसा दिलाया था कि अगर उसकी पुश्तैनी जमीन है, तो उसके साथ किसी के द्वारा अन्याय नहीं करने दिया जाएगा। लेकिन वह उन पर ही क्यों आरोप लगा रहा, यह समझ से परे है।
आनन-फानन में स्टे जारी
इस मामले को तूल पकड़ता देखकर बिजावर के नायब तहसीलदार द्वारा स्थगन आदेश जारी कर दिया गया। स्थगन आदेश में जमीन पर कब्जा कर रहे लल्लू तनय रनझाई, बालकिशन, जीतेंद्र, बृजलाल, रामचरन, मातादीन, भरत, दिप्पू, किशनलाल, राजेश ढीमर निवासी सटई के द्वारा अवैध कब्जा किए जाने पर 27 अक्टूबर तक जमीन से संबधित दस्तावेज पेश करने को कहा गया है। सवाल ये भी उठ रहा है कि अगर घनश्याम की जमीन पर जब जबरन कब्जा नहीं हो रहा था तो फिर उसे स्टे क्यों दिया गया।
 

Tags:    

Similar News