छिंदवाड़ा महापौर को पद से हटाने का शोकॉज नोटिस निरस्त

छिंदवाड़ा महापौर को पद से हटाने का शोकॉज नोटिस निरस्त

Bhaskar Hindi
Update: 2019-02-14 15:54 GMT
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डिजिटल डेस्क, जबलपुर। हाईकोर्ट ने छिंदवाड़ा की महापौर को राहत देते हुए उन्हें पद से हटाने के लिए राज्य शासन की ओर से जारी शोकॉज नोटिस निरस्त कर दिया है। जस्टिस अतुल श्रीधरन की एकल पीठ ने याचिका का निराकरण करते हुए कहा है कि राज्य सरकार महापौर के खिलाफ नए सिरे से कार्रवाई करने के लिए स्वतंत्र है।

छिंदवाड़ा की महापौर कांता योगेश सदारंग की ओर से दायर याचिका में कहा गया कि राज्य सरकार ने उन्हें 31 जनवरी 2019 को पद से हटाने के लिए शोकॉज नोटिस जारी किया है। राज्य सरकार की ओर से उन पर नगर निगम द्वारा निर्मित 17 दुकानों के आवंटन में अनियमितता, सदन की नियमित बैठक नहीं बुलाने और पार्षदों के प्रस्ताव के बावजूद नगर निगम का सम्मेलन नहीं बुलाने का आरोप लगाया है। याचिका में कहा गया कि शोकॉज नोटिस का जवाब देने के लिए उन्होंने 2 फरवरी को जांच दल की रिपोर्ट मांगी, लेकिन निरीक्षण दल की रिपोर्ट नहीं दी गई।

राजनीतिक दुर्भावना से की जा रही कार्रवाई
वरिष्ठ अधिवक्ता पुरूषेन्द्र कौरव, आदित्य खांडेकर और सिद्धार्थ शर्मा ने तर्क दिया कि छिंदवाड़ा महापौर को पद से हटाने का शोकॉज नोटिस राजनीतिक दुर्भावना से प्रेरित है। 17 दिसंबर 2018 को कमलनाथ ने मुख्यमंत्री के पद की शपथ ली थी। 21 दिसंबर को छिंदवाड़ा महापौर के खिलाफ आरोपों की जांच करने के लिए जांच दल का गठन कर दिया गया। 27 से 29 दिसंबर के बीच जांच पूरी कर ली गई। 31 जनवरी को उन्हें पद से हटाने का शोकॉज नोटिस दे दिया गया।

महापौर को हटाने पहले से बना लिया था मन
श्री कौरव ने एकल पीठ को बताया कि महापौर को दिए गए शोकॉज नोटिस में कहा गया कि राज्य सरकार की राय में आपका महापौर पद पर बने रहने लोकहित में नहीं है। इससे स्पष्ट है कि सरकार ने सुनवाई का अवसर दिए बगैर महापौर को हटाने के लिए पहले से मन बना लिया था। यह प्राकृतिक न्याय के सिद्धांत के खिलाफ है।

महापौर को दे दी जांच दल की रिपोर्ट
राज्य सरकार की ओर से महाधिक्ता राजेन्द्र तिवारी ने कहा कि शोकॉज नोटिस का जवाब देने के लिए महापौर को जांच दल की रिपोर्ट दी जा चुकी है। महापौर को अभी पद से हटाने या नहीं हटाने का निर्णय नहीं लिया गया है। महापौर ने अभी तक अपना जवाब नहीं दिया है। मामले में सरकार विधि सम्मत तरीके से कार्रवाई कर रही है। सुनवाई के बाद एकल पीठ ने छिंदवाड़ा महापौर को हटाने के लिए जारी शोकॉज नोटिस निरस्त कर दिया है। एकल पीठ ने अपने आदेश में कहा है कि राज्य सरकार महापौर के खिलाफ नए सिरे से कार्रवाई करने के लिए स्वतंत्र है।

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