सिंगल मदर की बेटी को मिलेगी मां की जाति : हाईकोर्ट
सिंगल मदर की बेटी को मिलेगी मां की जाति : हाईकोर्ट
डिजिटल डेस्क, नागपुर। बॉम्बे हाईकोर्ट की नागपुर खंडपीठ ने स्पष्ट किया है कि सिंगल मदर (अकेली मां) की बेटी को मां की जाति का प्रमाणपत्र दिया जाना चाहिए। एक प्रकरण में कोर्ट ने अमरावती के उपविभागीय अधिकारी को एक किशोरी के जाति प्रमाणपत्र के आवेदन पर पुनर्विचार करने के आदेश दिए हैं। रवि और प्रिया (परिवर्तित नाम) का 1999 में प्रेम विवाह हुआ। शादी के दूसरे वर्ष में अंकिता (परिवर्तित नाम) का जन्म हुआ। इसके कुछ वर्षों बाद पति-पत्नी में विवाद होने लगे।
पति से परेशान होकर प्रिया अपनी बेटी को लेकर पति का घर छोड़कर चली गई। तब से वह खुद ही अंकिता की परवरिश कर रही है। प्रिया हलबा जाति की है, रवि नाई समाज का है। दोनों को अलग हुए एक लंबा वक्त हो गया है। अब पुत्री अंकिता 12वीं उत्तीर्ण कर चुकी है, उसे आर्किटेक्चर में प्रवेश चाहिए। उसने जाति प्रमाणपत्र के लिए राजस्व कार्यालाय में आवेदन किया। वहां उसका आवेदन खारिज कर दिया गया। जाति पड़ताल समिति के पास आवेदन करने के बाद पड़ताल समिति ने भी उसे सिर्फ माता के दस्तावेज जोड़ने और पिता के नहीं जोड़ने का कारण बताते हुए आवेदन खारिज कर दिया। इसके बाद उसने हाईकोर्ट की शरण ली। मामले में सभी पक्षों को सुनने के बाद कोर्ट ने अंकिता को उसकी मां की जाति का प्रमाणपत्र देना चाहिए, इस निरीक्षण के साथ उसके आवेदन पर पुनर्विचार करने को कहा है। याचिकाकर्ता की ओर से एड. अश्विन देशपांडे ने पक्ष रखा।
मतदाता सूची में गड़बड़ी : कृष्णा खोपडे और सुधाकर कोहले दायर करेंगे जनहित याचिका
शहर में आगामी विधानसभा चुनावों में मतदाता सूची में कई खामियां हैं। जिसके कारण पारदर्शक चुनावों में बाधा उत्पन्न होगी। इसी मुद्दे के साथ शहर के दो भाजपा विधायक कृष्णा खोपडे और सुधाकर कोहले ने बॉम्बे हाईकोर्ट की नागपुर खंडपीठ का दरवाजा खटखटाने की तैयारी में हैं। हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर कर मतदाता सूची को अपडेट करने के आदेश जारी करने की प्रार्थना करेंगे।
मतदाता सूची में कई मतदाताओं के बार-बार नाम हैं, जिससे विधानसभा क्षेत्र का सही मतदाता प्रतिशत पता नहीं चल पाता। मतदाता सूची में कई दिवंगत मतदाताओं के नाम हैं, तो कई मतदाताओं के नाम और फोटो भी गलत हैं। इसके अलावा कई मतदाताओं को पोलिंग बूथ उनके घर से 2 किमी की अधिक दूरी पर है, जो नियमानुसार सही नहीं है। इसी तरह कई पोलिंग बूथ पर एक हजार की क्षमता से अधिक मतदाता है। अधिकांश पोलिंग केंद्रों पर पेयजल, दिव्यांगों के लिए विशेष प्रबंध, पार्किंग स्पेस जैसी सुविधा नहीं है। ऐसे में प्रार्थना की जाएगी कि हाईकोर्ट चुनाव आयोग को मतदाता सूची अपडेट करने और पोलिंग केंद्रों पर पर्याप्त सुविधाएं उपलब्ध कराने के आदेश जारी करें।