जिस जख्मी सांप को बचाया, उसी ने डस दिया- 8 दिन तक वेंटिलेटर पर रहना पड़ा

रेस्क्यू जिस जख्मी सांप को बचाया, उसी ने डस दिया- 8 दिन तक वेंटिलेटर पर रहना पड़ा

Tejinder Singh
Update: 2021-11-07 10:36 GMT
जिस जख्मी सांप को बचाया, उसी ने डस दिया- 8 दिन तक वेंटिलेटर पर रहना पड़ा

डिजिटल डेस्क, नागपुर। कभी-कभी अच्छाई भी आफत बन जाती है। शुभम के साथ ऐसा ही हुआ। उसे पता नहीं था कि जिस सांप को वह बचाना चाहता है, वही उसे डस कर मौत के दरवाजे तक पहुंचा देगा। डॉक्टरों ने काफी प्रयास के बाद शुभम को मौत के मुंह में जाने से बचाया लिया। छाया चित्रकार शुभम देवराव रंगारी आठ दिन पहले रोज की तरह रात के 9 बजे अपने घर न्यू नंदनवन की अोर जा रहा था। इस बीच उसे एक स्थान पर लोगों की भीड़ नजर आई। वह रुका। उसने देखा कि एक सांप जख्मी अवस्था में है। शुभम को दया आई। उसने सांप को पकड़ा और उसे उपचार कराने ले जाने लगा, तभी उसने शुभम को डस लिया। जख्मी होने से सांप ने सामान्य से अधिक जहर छोड़ा। मन्यार जाति का जहरीला सांप होने से शुभम कुछ ही क्षण में बेहोश हो गया। उसे तुरंत मेडिकल ले जाया गया। डॉक्टरों ने उसकी हालत देख वेंटिलेटर पर रख उपचार शुरू किया।  शुभम की हालत सुधरने लगी। डॉक्टरों ने तुरंत एंटीवेनम इंजेक्शन लगाए। शुभम के शरीर में जहर फैल चुका था। उपचार में थोड़ा भी विलंब होता तो उसे बचाना मुश्किल हो जाता। बड़ी बात यह रही कि डॉक्टरों ने कागजी प्रक्रिया किए बिना उपचार शुरू किया।

आत्मविश्वास था, खा गया धोखा 

शुभम ने इस घटना से पहले भी तीन सांपों को बचाया है। इसलिए उसमें आत्मविश्वास भरा था, लेकिन इस बार उसे धोखा खाना पड़ा। सांप डंसने के तीन दिन बाद उसे निमोनिया हो गया था। इसके बावजूद डॉक्टरों की टीम ने शुभम का उपचार कर उसे बचा लिया। शुभम 8 दिन तक वेंटिलेटर पर रहा। डॉक्टरों की टीम में मेडिसिन विभाग के सहयोगी प्राध्यापक डॉ. प्रवीण शिंगाडे, सहायक प्राध्यापक डॉ. सागर खंडारे, डॉ. अतुल राजकोंडावार, डॉ. प्रज्ञा गावित, डॉ. स्नेहल, डॉ.अपूर्वा, डॉ. देवेश, डॉ. देवेद्र आदि समेत परिचारिकाओं ने उल्लेखनीय कार्य किया। शुभम की मां ने जीने का सहारा बचाने के लिए सभी डॉक्टरों का आभार माना। 6 नवंबर को शुभम का जन्मदिन था। उसका जन्मदिन वार्ड में सभी डॉक्टरों की उपस्थिति में मनाया गया। 

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