कहीं 80 फीसदी तो कहीं 30 प्रतिशत प्रकरणों का निराकरण, जमीनों से जुड़े मामले अिधक

कहीं 80 फीसदी तो कहीं 30 प्रतिशत प्रकरणों का निराकरण, जमीनों से जुड़े मामले अिधक

Bhaskar Hindi
Update: 2021-07-26 10:11 GMT
कहीं 80 फीसदी तो कहीं 30 प्रतिशत प्रकरणों का निराकरण, जमीनों से जुड़े मामले अिधक

शहरी तहसीलों में नहीं हो रही सुनवाई, हजारों मामले पेंडिंग
डिजिटल डेस्क जबलपुर। 
जमीन से जुड़े प्रकरणों के मामले में ग्रामीण क्षेत्र की तहसीलों में संक्रमण कम होने के बाद तेजी से काम हो रहे हैं। दूसरी तरफ शहर की तहसीलों में अभी भी तहसीलदार दफ्तरों में नहीं मिल रहे हैं जिससे जनता भटक रही है। लोगों को अगर एक काम कराना है तो महीनों चक्कर काटने पड़ते हैं। रिकॉर्ड जब निकाला गया तो जिले की तहसीलों में कहीं 80 फीसदी तो कहीं सिर्फ 30 प्रतिशत प्रकरणों का ही निराकरण हुआ है। कोरोना संक्रमण फैलने के बाद सरकारी दफ्तरों में काम पूरी तरह से बंद हो गये थे। लॉकडाउन के दौरान जनता भी बाहर नहीं निकल रही थी। अब लेकिन सब कुछ सामान्य हो रहा है इसके बाद भी तहसीलों में जिस तेजी से काम होने चाहिये नहीं हो रहे हैं, जबकि मुख्यमंत्री के आदेश हैं कि जितने भी जमीन से जुड़े अविवादित प्रकरण हैं उनका निराकरण जल्द से जल्द किया जाये। इसके बाद भी तहसीलदार प्रकरणों को अटकाकर रखे हुए हैं। 
अधिकारियों के यहाँ भी पेंडेंसी 
 तहसील ही नहीं बड़े अधिकारियों के यहाँ भी प्रकरणों की पेंडेंसी बढ़ रही है। कलेक्टर न्यायालय में इस दौरान 457 से ज्यादा प्रकरण दर्ज हुए हैं जिनमें 127 का ही निराकरण हुआ है जो लगभग साढ़े 27 फीसदी होता है। इसी तरह अपर कलेक्टर नजूल के यहाँ 313 प्रकरण दर्ज हुए हैं इनमें से 154 निराकृत हुए हैं। इसी तरह अपर कलेक्टर शहर, ग्रामीण और एसडीएम के यहाँ भी प्रकरणों की संख्या हर दिन बढ़ रही है पर निराकरण नहीं हो रहा है।  
 जिले में कहाँ कैसी स्थिति
मझौली तहसील में 1779 से ज्यादा राजस्व प्रकरण दर्ज हैं। इनमें से 1434 प्रकरणों का निराकरण कर दिया गया है जो लगभग 80 फीसदी होता है।  अब सिर्फ 545 प्रकरण ही यहाँ लंबित हैं।  इसी तरह पाटन तहसील में 684 प्रकरण दर्ज हुए जिसमें  468 का निराकरण हुआ। जबलपुर तहसील में  1124 प्रकरण दर्ज हुए जिनमें 726 निराकृत हुए, पनागर में सबसे ज्यादा 2219 प्रकरण दर्ज हुए जिसमें से 1406 का निराकरण भी हुआ जो लगभग 63 फीसदी से ज्यादा है। इसी तरह सिहोरा में 1778 प्रकरण में 1056 का निपटारा, कुंडम में 494 में से 293, वहीं शहपुरा में 1030 में से 455 प्रकरणों का निपटारा हुआ जो 44 फीसदी है। वहीं शहर की अधारताल तहसील में 1252 प्रकरण दर्ज हुए जिनमें से 488 प्रकरणों का निराकरण हुआ जो 38 फीसदी के लगभग है। इसके अलावा गोरखपुर तहसील में 1059 प्रकरणों में 369 का निपटारा ही किया गया जो 22 फीसदी होता है। इसी तरह रांझी तहसील में भी लगभग 31 फीसदी प्रकरणों का ही निराकरण हुआ है। 

Tags:    

Similar News