क्राइम ब्रांच की तर्ज पर काम करेगी विशेष टास्क फोर्स, फारेस्ट रेंज में क्राइम रोकने के प्रयास

क्राइम ब्रांच की तर्ज पर काम करेगी विशेष टास्क फोर्स, फारेस्ट रेंज में क्राइम रोकने के प्रयास

Anita Peddulwar
Update: 2019-04-09 06:33 GMT
क्राइम ब्रांच की तर्ज पर काम करेगी विशेष टास्क फोर्स, फारेस्ट रेंज में क्राइम रोकने के प्रयास

डिजिटल डेस्क, नागपुर। क्राइम ब्रांच की तरह फारेस्ट रेंज में अपराधों को रोकने लिए विशेष टास्क फोर्स कार्य करेगा। वन्यजीवों का शिकार, वनोपज की अवैध व्यापार व अन्य अपराधों की रोकथाम के लिए राज्य में विशेष टास्क फोर्स का गठन किया जाएगा। मार्च के अंतिम सप्ताह में सीएम देवेंद्र फडणवीस के नेतृत्व में हुई राज्य स्तरीय स्क्रीनिंग कमेटी की बैठक में इस प्रस्ताव को हरी झंडी मिल चुकी है। एसटीएफ मध्यप्रदेश में काम कर रही स्पेशल टाइगर स्ट्राइक फोर्स की तर्ज पर काम करेगी।

राज्य के चीफ वाइल्ड लाइफ वार्डन नितीन काकोदर के अनुसार, दिसंबर में 12 सदस्यीय स्क्रीनिंग कमेटी ने इस बारे में बैठक कर फैसला किया था। हालांकि राज्य के पेंच, ताड़ोबा और मेलघाट टाइगर रिजर्व में एनटीसीए की प्रायोजित स्पेशल टाइगर प्रोजेक्शन फोर्स पहले ही काम कर रहा है। अब वन विभाग की दलील है कि विशेष टास्क फोर्स टाइगर रिजर्व के साथ बफर जोन में भी काम करेगी। यह पुलिस विभाग के क्राइम ब्रांच की तर्ज पर काम करेगी। 

एंटी पोचिंग स्क्वॉड व अन्य फोर्स निष्क्रिय  
गौरतलब है कि वन विभाग अपराधों की रोकथाम के लिए इसके पहले भी एंटी पोचिंग स्क्वॉड, वाइल्ड लाइफ क्राइम साइबर सेल जैसे कई विभाग शुरू किए जा चुके हैं। हालांकि गंभीरता की कमी के कारण ये लगभग निष्क्रिय पड़े हैं। सूत्रों के अनुसार, एसटीएफ की मांग पहली बार 2013 में उठी थी, जब विदर्भ में बाघ के शिकार के संबंध अंतरराष्ट्रीय शिकारियों से जुड़े होने के सबूत मिले थे। 

वन कर्मचारी को करेंगे प्रशिक्षित
बता दें कि एसटीएफ वन विभाग के कर्मचारियों को वाइल्ड लाइफ प्रोजेक्शन एक्ट 1972 के कानूनी और उन्हे लागू करने के साथ-साथ अपराध रोकने के अन्य घटक जैसे एंटी पोचिंग पेट्रोलिंग के तरीके, गोपनीय सूचनाओं का संग्रहण, मुखबीरों का तंत्र तैयार करना और उनसे काम लेना, पूछताछ, शिकार करने वाले समुदाय, क्राइम सीन इंवेस्टिगेशन और प्रिमलरी ऑफेंस रिपोर्ट तैयार करने का प्रशिक्षण प्रदान करेगा। 

Tags:    

Similar News