दूसरे देश से तेल मंगा भारत में निर्यात कर रहे हैं श्रीलंका, नेपाल और बांग्लादेश

 दूसरे देश से तेल मंगा भारत में निर्यात कर रहे हैं श्रीलंका, नेपाल और बांग्लादेश

Tejinder Singh
Update: 2018-08-17 14:18 GMT
 दूसरे देश से तेल मंगा भारत में निर्यात कर रहे हैं श्रीलंका, नेपाल और बांग्लादेश

डिजिटल डेस्क, मुंबई। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने नेपाल, श्रीलंका और बांग्लादेश से भारत में भेजे जाने वाले खाद्य तेलों को आयात शुल्क माफी के दायरे से हटाने की मांग केंद्र सरकार से की है। इसको लेकर मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि नेपाल, श्रीलंका और बांग्लादेश जैसे एशियाई देश मलेशिया और अर्जेंटीना से खाद्य तेल मंगा कर भारत में भेज रहे हैं। इन देशों को खाद्य तेलों पर शून्य आयात शुल्क लगता है। इस कारण इसका असर देश के बाजार पर पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र सोयाबीन, मूंगफली और सूरजमुखी के उत्पादन में अग्रणी राज्य है। इसलिए इसका सबसे अधिक असर राज्य के सोयाबीन, मूंगफली और सूरजमुखी उत्पादक किसानों पर पड़ रहा है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि नेपाल, श्रीलंका और बांग्लादेश में खाद्य तेलों का उत्पादन नहीं होता है। इसलिए स्वभाविक रूप से ये देश आयात शुल्क माफी के लिए पात्र नहीं हैं, लेकिन ये देश साऊथ एशिया फ्री ट्रेड एग्रीमेंट का फायदा उठा कर शून्य आयात शुल्क पर भारत में तेल भेज रहे हैं। परिणाम स्वरूप किसानों की आय दोगुनी करने की नीति पर इसका असर पड़ रहा है। आयात शुल्क माफी के कारण देश के बाजार में विदेशों से आया खाद्य तेल सस्ती दर पर उपलब्ध हो रहा है। इस कारण स्थानीय किसानों को उत्पादन पर न्यूनतम समर्थन मूल्य मिलने में मुश्किल होती है। 

वहीं राज्य कृषि मूल्य आयोग के अध्यक्ष पाशा पटेल ने कहा कि खाद्य तेल से भरा हुआ तीन जहाज समुद्री सीमा पर खड़े हैं। प्रत्येक जहाज में लगभग दस लाख लीटर खाद्य तेल है। नेपाल, श्रीलंका और बांग्लादेश में इन खाद्य तेलों का उत्पादन नहीं होता है। इसके बावजूद इन देशों से खाद्य तेल शून्य आयात शुल्क पर भारत में भेजे जा रहे हैं। इसका सीधा असर महाराष्ट्र के सोयाबीन, मूंगफली और सूरजमुखी उत्पादक किसानों पर पड़ने वाला है। इसलिए किसानों के हितों को ध्यान में रखते हुए केंद्र सरकार को आयात शुल्क माफी नहीं देने पर विचार करना चाहिए। 

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