राज्य कर्मचारियों की हड़ताल दूसरे दिन भी जारी, आंदोलन उग्र करने की चेतावनी
राज्य कर्मचारियों की हड़ताल दूसरे दिन भी जारी, आंदोलन उग्र करने की चेतावनी
डिजिटल डेस्क, नागपुर। अपनी विभिन्न मांगों को लेकर राज्य सरकारी कर्मचारियों की तीन दिवसीय हड़ताल दूसरे दिन भी जारी रहा। अधिकांश संगठन व कर्मचारियों ने हड़ताल में हिस्सा लेकर सरकार के सामने नहीं झुकने की चुनौती दी। कर्मचारी संगठनों के नेताआें ने आरोप लगाया कि, सरकार चर्चा करके समय निकाल रही है आैर अब ऐसा नहीं चलेगा। कर्मचारियों की एकता का दावा करते हुए मांगे नहीं मानी तो आंदोलन तेज करने की चेतावनी दी।
राज्य सरकारी कर्मचारी मध्यवर्ती संगठन महाराष्ट्र के बैनर तले हुई हड़ताल में राज्य सरकार के विविध विभागों के तृतीय व चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी शामिल हुए। कर्मचारी सातवां वेतन आयोग तुरंत लागू करने, एरियर नगद देने, अंशदायी पेंशन योजना रद्द करने, पांच दिन का सप्ताह करने, रिक्त पदों पर तुरंत भर्ती करने, अनुकंपा के आधार पर तुरंत नियुक्तियां करने व कर्मचारियों की मांगों पर तुरंत निर्णय करने की मांग कर रहे हैं।
पहले दिन कर्मचारी हाथ में बैनर लेकर अलग-अलग जगहों से निकलकर संविधान चौक पर जमा हुए। राज्य सरकारी कर्मचारी मध्यवर्ती संगठन नागपुर के अध्यक्ष चंद्रहास सुटे, नारायण समर्थ, बुधाजी सुरकर, अशोक दगडे, नाना कडवे ने कर्मचारियों को संबोधित किया। उन्होंने कहा तीन दिन कार्यालयों में काम नहीं होगा। सरकार को कई मौके दिए, लेकिन मांगे पूरी नहीं की। आंदोलन को दबाने की कोशिश, महंगी पड़ सकती है।
आंदोलन को देखते हुए पुलिस का भारी बंदोबस्त लगाया गया है।
आंदोलन को नागपुर जिला परिषद कर्मचारी महासंघ, कास्ट्राइब कर्मचारी कल्याण महासंघ के विदर्भ प्रदेश अध्यक्ष प्रेम गजभिए, कंफडरेशन आफ सेंट्रल गवर्नमेंट एम्प्लाइज एण्ड वर्कर्स का समर्थन प्राप्त है । राज्य सरकार के अधिकांश विभागों के कर्मचारियों ने हड़ताल में शामिल होकर समर्थन घोषित किया। आंदोलन में प्रमुखता से ज्ञानेश्वर महले, प्रकाश डाेंगरे, नरेश मोरे, केशव शास्त्री, शैलजा जोग, सुनील कलमकर, बबन हुड़, सुधाकर क्षीरसागर, भाऊराव बुचे, प्रशांत शाहाकार, प्रतिभा सोनारे, राजेंद्रजैन, वामन डफरे, राजेश पारेकर, अरुण निंबालकर, राजेंद्र ठाकरे, चंद्रशेखर ठाकरे, सुधाकर प्रचंड, चंद्रकांत विसरोजवार आदि शामिल थे।