महाराष्ट्र की सियासत पर संसद में हंगामा, पोस्टर-बैनर दिखाने वालों के खिलाफ होगी सख्त कार्रवाई   

महाराष्ट्र की सियासत पर संसद में हंगामा, पोस्टर-बैनर दिखाने वालों के खिलाफ होगी सख्त कार्रवाई   

Tejinder Singh
Update: 2019-11-25 14:54 GMT
महाराष्ट्र की सियासत पर संसद में हंगामा, पोस्टर-बैनर दिखाने वालों के खिलाफ होगी सख्त कार्रवाई   

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला ने महाराष्ट्र के मसले पर कांग्रेस सांसदों द्वारा सदन में पोस्टर-बैनर लहराने पर गहरी नाराजगी जताई है। उन्होने चेतावनी दी है कि ऐसी हरकत करने वाले सांसदों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। उन्होने कहा कि ‘सदन में पहले ऐसा होता रहा है’ वाला रवैया अब आगे नहीं चलेगा। जानकारी के मुताबिक बिड़ला ने यह दो टूक बात उनसे मिलने पहुंचे संसदीय कार्य मंत्री प्रहलाद जोशी, लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी और सदन में बैनर लहराने वाले दोनों सांसदों हिबी इडेन और टी एन प्रतापन से कही। दरअसल सोमवार को लोकसभा की कार्यवाही शुरू होते हुी कांग्रेस के सदस्य महाराष्ट्र के मसले पर नारेबाजी करने लगे और पोस्टर के साथ आसन के निकट पहुंच गए। कांग्रेस के सांसद इडेन और प्रतापन ‘स्टॉप मर्डर ऑफ डेमोक्रेसी’ लिखा पोस्टर लेकर नारेबाजी करने लगे। लोकसभा अध्यक्ष के काफी समझाने के बावजूद कांग्रेस सदस्य नहीं माने। इस बीच बिड़ला ने मार्शलों को कांग्रेस के इन दोनों सदस्यों को सदन से बाहर करने का निर्देश दे दिया। इसके बाद दोनों सांसदों और मार्शलों के बीच धक्का-मुक्की हुई। बाद में मार्शलों पर केरल की दो महिला सांसदों ने दुर्व्यवहार करने तक का आरोप लगा दिया। इस बीच कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने लोकसभा अध्यक्ष से मिलकर मार्शल के आचरण की शिकायत की और कांग्रेस सांसदों के सदन से बाहर निकालने पर भी अपनी आपत्ति जताई। जानकारी के मुताबिक लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला ने कांग्रेस सांसदों के आज के आचरण पर अपनी नाराजगी जताते हुए उनसे कहा है कि सदन में इस तरह का व्यवहार स्वीकार नहीं होगा। प्रहलाद जोशी, अधीर रंजन चौधरी और सदन से निकाले गए कांग्रेस के दोनों सांसदों की मौजूदगी में ओम बिड़ला ने कहा कि सदन नियमों से चलेगा। जब कांग्रेस सदस्यों ने कहा कि सदन में इस तरह के प्रदर्शन पहले भी होते रहे हैं, तब ओम बिड़ला ने कहा कि अब ऐसा नहीं चलेगा। सूत्र बताते हैं कि बिड़ला ने यहां तक कहा कि यदि माननीय सदस्य नहीं माने तो उन्हें पूरे सत्र के लिए भी सदन से निकाला जा सकता है। 

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