छात्रा की उत्तरपुस्तिका दोबारा जांचने ,दो मूल्यांकनकर्ताओं को पेश किया जाए

छात्रा की उत्तरपुस्तिका दोबारा जांचने ,दो मूल्यांकनकर्ताओं को पेश किया जाए

Bhaskar Hindi
Update: 2019-08-02 08:42 GMT
छात्रा की उत्तरपुस्तिका दोबारा जांचने ,दो मूल्यांकनकर्ताओं को पेश किया जाए

डिजिटल डेस्क,जबलपुर। हाईकोर्ट ने सागर के जिला शिक्षा अधिकारी को निर्देश दिए है कि बारहवीं की छात्रा की अंग्रेजी विषय की उत्तर पुस्तिका दोबारा जांचने के लिए दो मूल्यांकनकर्ताओं को 19 अगस्त को पेश किया जाए। जस्टिस संजय द्विवेदी की एकल पीठ ने यह निर्देश याचिका की सुनवाई के बाद दिए है। 

छात्रा को अंग्रेजी विषय में 20 अंक और मिलना चाहिए

सरस्वती शिशु मंदिर मोतीनगर सागर की छात्रा नीलम लोधी की ओर से दायर याचिका में कहा गया कि वह वर्ष 2018-19 में बारहवीं बोर्ड की परीक्षा में सम्मिलित हुई थी। उसे 500 में से 414 अंक मिले। जिसमें चार विषयों में उसे विशेष योग्यता के अंक मिले थे। अंग्रेजी विषय में उसे 56 अंक मिले। अधिवक्ता रामेश्वर पी. सिंह ने तर्क दिया कि माध्यमिक शिक्षा मंडल को आवेदन देकर उत्तर-पुस्तिका का निरीक्षण किया गया। उत्तरपुस्तिका में सही उत्तर लिखने के बाद छात्रा को अंक नहीं दिए गए है। छात्रा को अंग्रेजी विषय में 20 अंक और मिलना चाहिए। सुनवाई के बाद एकल पीठ ने सागर जिला शिक्षा अधिकारी को निर्देश दिया है कि छात्रा की अंग्रेजी विषय की उत्तर-पुस्तिका को दोबारा जांचने के लिए दो मूल्यांकनकर्ताओं को पेश किया जाए।

सहायक शिक्षक से 90 हजार रुपए की वसूली पर रोक

हाईकोर्ट ने गाडरवारा नरसिंहपुर में पदस्थ सहायक शिक्षक से 90 हजार की वसूली पर रोक लगा दी है। जस्टिस विशाल धगट की एकल पीठ ने शिक्षा विभाग, संकुल प्राचार्य गाडरवारा और अन्य को नोटिस जारी कर जवाब-तलब किया है। सहायक शिक्षक हरीश कुमार तिवारी की ओर से दायर याचिका में कहा गया कि उसे एक जनवरी 2006 से छठवें वेतनमान का लाभ दिया गया था। जिसके तहत एक वेतन वृद्द्धि अप्रैल से और दूसरी वेतन वृद्द्धि जुलाई से दी गई थी। इसके कुछ दिन बाद संकुल प्राचार्य ने जुलाई माह में मिली वेतन वृद्द्धि को अतिरिक्त मानते हुए उसके खिलाफ 12 प्रतिशत ब्याज के साथ 90 हजार रुपए वसूली का आदेश जारी कर दिया। अधिवक्ता मोहनलाल शर्मा ने तर्क दिया कि सुप्रीम कोर्ट ने रफीक मसीह मामले में न्याय दृष्टांत दिया है कि तृतीय और चतुर्थ श्रेणी के कर्मियों से वसूली नहीं की जा सकती है। प्रांरभिक सुनवाई के बाद एकल पीठ ने वसूली के आदेश पर रोक लगा दी है।

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