अल्पसंख्यक कोटा : स्टूडेंट्स और कॉलेज दोनों ही असमंजस में, दूसरे राउंड के बाद भी अटका मामला

अल्पसंख्यक कोटा : स्टूडेंट्स और कॉलेज दोनों ही असमंजस में, दूसरे राउंड के बाद भी अटका मामला

Anita Peddulwar
Update: 2018-07-21 10:57 GMT
अल्पसंख्यक कोटा : स्टूडेंट्स और कॉलेज दोनों ही असमंजस में, दूसरे राउंड के बाद भी अटका मामला

डिजिटल डेस्क, नागपुर। शहर में11वीं कक्षा की प्रवेश प्रक्रिया में अल्पसंख्यक कोटे से प्रवेश लेने की कोशिश करने वाले सैकड़ों स्टूडेंट्स बीच मझधार में फंस गए हैं। दरसअल, शहर के अल्पसंख्यक श्रेणी के जूनियर कॉलेजों में अल्पसंख्यक स्टूडेंट्स के लिए 51 प्रतिशत सीटें तय होती हैं। अल्पसंख्यक स्टूडेंट्स को सीधे इन सीटों पर प्रवेश मिलता है, लेकिन निर्देशों की अस्पष्टता के बीच कॉलेज और स्टूडेंट्स दोनों बीच मझधार में फंस गए  हैं। गत 12 जुलाई को नागपुर बेंच ने एक याचिका पर आदेश दिया कि जिन अल्पसंख्यक कॉलेजों ने अपना कोटा सरेंडर कर दिया है, उनके सरेंडर कोटा पर 12 जुलाई से आगे प्रवेश न लिए जाएं। 

पहले अन्य गैर-अल्पसंख्यक कॉलेजों में एडमिशन प्रक्रिया पूरी कराई जाए। इसके बाद ही सरेंडर कोटा पर प्रवेश दें। हालांकि कोर्ट ने 12 जुलाई के बाद सरेंडर हुए अल्पसंख्यक कोटे के प्रवेश को पोस्टपॉन किया। मगर 12 जुलाई के पहले एडमिशन की कोशिश कर रहे कई स्टूडेंट्स इसलिए लटक गए हैं कि अल्पसंख्यक कॉलेज उनके प्रवेश निश्चित ही नहीं कर रहे हैं। कॉलेजों ने स्टूडेंट्स से दस्तावेज तो स्वीकार कर लिए हैं, लेकिन कोर्ट के आदेश का हवाला देते हुए वे स्टूडेंट्स से फीस लेने के बाद भी एडमिशन निश्चित नहीं कर रहे हैं।  

दरअसल, कोर्ट में जनहित याचिका में अल्पसंख्यक श्रेणी के जूनियर कॉलेजों की मनमानी का मुद्दा उठा था। नागपुर विभाग में 58 ऐसे ही जूनियर कॉलेज क्रिश्चियन, सिंधी, मुस्लिम या अन्य श्रेणियों के आधार पर अल्पसंख्यक जूनियर कॉलेज के रूप में मान्यता प्राप्त है। नागपुर में केंद्रीय प्रवेश प्रक्रिया लागू होने से अल्पसंख्यक काॅलेजों में अनारक्षित 49 प्रतिशत सीटें केंद्रीय प्रवेश प्रक्रिया में शामिल करके वहां एडमिशन कराए जाते हैं। मगर नियमों में ढील का फायदा उठाते हुए ये कॉलेज 51 प्रतिशत आरक्षित सीटों पर अपने स्तर पर प्रवेश करने से बचते हुए अपना कोटा सरेंडर कर देते हैं। ताकि इनके यहां शत-प्रतिशत एडमिशन केंद्रीय प्रवेश प्रक्रिया के माध्यम से ही हो जाए, जिसके बाद कोर्ट ने उक्त आदेश जारी किया था। 

आवेदन 31 हजार से अधिक
नागपुर शहर के 190 हाईस्कूल और जूनियर कॉलेजों की आर्ट्स, साइंस, कॉमर्स, वोकेशनल और बाईफोकल की 54 हजार 230 सीटों पर प्रवेश के लिए कुल 31 हजार 414 स्टूडेंट्स ने आवेदन किया था। पहले राउंड में 19 हजार 336 हजार स्टूडेंट्स ने प्रवेश लिया था। 19 जुलाई से शुरू हुए प्रवेश के दूसरे राउंड में शुक्रवार शाम तक कुल 3599 स्टूडेंट्स ने प्रवेश निश्चित कराए। 11वीं कक्षा में प्रवेश लेने वाले स्टूडेंट्स की संख्या 22 हजार 935 हो गई है। 

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