कबाड़ से जुगाड़ : स्टूडेंट्स ने Useless material से संवार दिया जीरो माइल

कबाड़ से जुगाड़ : स्टूडेंट्स ने Useless material से संवार दिया जीरो माइल

Bhaskar Hindi
Update: 2017-08-16 16:07 GMT
कबाड़ से जुगाड़ : स्टूडेंट्स ने Useless material से संवार दिया जीरो माइल

डिजिटल डेस्क, नागपुर। ऐतिहासिक गौरव के प्रतीक शहर के "जीरो माइल" स्मारक को संरक्षित रखने में प्रशासन के नाकाम रहने के बाद मनोरमादेवी मुंडले आर्किटेक्चर कॉलेज के 40 स्टूडेंट्स ने करीब 1 माह की लंबी मशक्कत के बाद Useless material यानी कबाड़ की सामग्री से स्मारक को संवार दिया। कुछ समय पहले तक खुली और गंदगी वाली जगह पर अब सुंदर रचना ने मूर्तरूप ले लिया है।  

हर साल National level पर स्कूल ऑफ आर्किटेक्चर तमिलनाडु द्वारा एक प्रतियोगिता आयोजित की जाती है। इस प्रतियोगिता में देश भर के आर्किटेक्चर कॉलेज के स्टूडेंट्स की ओर से प्रात्याक्षिक नमूनों को तैयार कर प्रदर्शित किया जाता है। इस साल की प्रतियोगिता "रिफ्लेक्शन" में शहर के मनोरमाबाई मुंडले कॉलेज ऑफ आर्किटेक्चर के स्टूडेंट्स ने भी PARTICIPATE किया। इन स्टूडेंट्स ने सिलेबस के अध्ययन से जुड़ी कला के प्रदर्शन के लिए ऐतिहासिक ""जीरो माइल"" का चुनाव किया। इस जगह के पास ही खुली जगह की गंदगी को साफ कर Useless material की सहायता से जीवंत कलाकृति को साकार किया गया है। करीब 1 माह तक प्रशासन से अनुमति, स्थान के लिए प्रस्तावित डिजाइन मॉडल को तैयार करने के लिए मेहनत की गई। इनमें second year और Third year सिलेबस के 30 स्टूडेंट्स ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। 10 स्टूडेंट्स ने प्रस्तावित डिजाइन को तैयार किया। पिछले 6 दिनों की कड़ी मेहनत से अब इस खुली जगह पर सुंदर और बेहतरीन नजारे को तैयार किया गया है। सबसे खास बात यह है कि इस पूरे काम में पुराने बांस, टूटी टाइल्स, रेत और अन्य सामग्री का इस्तेमाल किया गया है।   

देश के गौरव का सम्मान ही लक्ष्य

National competition के लिए खुली जगह पर डिजाइन को बनाना कड़ी चुनौती थी। "जीरो माइल" केवल शहर ही नहीं, पूरे देश के लिए गौरव का प्रतीक है, लेकिन कई माह से आसपास की गंदगी पर्यटकों को अच्छा संदेश नहीं दे रही थी। इसलिए हमारी टीम ने "जीरो माइल" का चुनाव किया है। सारी औपचारिकता के बाद आर्किटेक्चर विश्वास दिखोले की सहायता से हमने डिजाइन तैयार की। 
                  

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