चुनाव लड़ने की राजनीति से सुलेखा कुंभारे ने किया स्वयं को दूर-स्पष्ट की स्थिति

 चुनाव लड़ने की राजनीति से सुलेखा कुंभारे ने किया स्वयं को दूर-स्पष्ट की स्थिति

Anita Peddulwar
Update: 2019-10-02 10:00 GMT
 चुनाव लड़ने की राजनीति से सुलेखा कुंभारे ने किया स्वयं को दूर-स्पष्ट की स्थिति

डिजिटल डेस्क, नागपुर। बहुजन रिपब्लिकन एकता मंच की संयोजक सुलेखा कुंभारे स्वयं को चुनाव लड़ने की राजनीति से दूर रखा है। साथ ही उन्होंने कहा है कि उनका संगठन विकास के मुद्दे पर भाजपा के साथ है। कामठी विधानसभा क्षेत्र से पालकमंत्री चंद्रशेखर बावनकुले को ही भाजपा का उम्मीदवार बनाने का मत उन्होंने रखा है। विधानसभा चुनाव के लिए भाजपा के उम्मीदवारों की पहली लिस्ट में बावनकुले का नाम नहीं होने पर चल रही चर्चाओं पर कुंभारे ने जवाब दिया। चर्चा थी कि बावनकुले के स्थान पर कुंभारे को भाजपा उम्मीदवार बना सकती है। बुधवार को प्रेस कांफ्रेंस में सुलेखा कुंभारे ने  कहा कि कामठी से उनकी संभावित उम्मीदवारी के संबंध में उनसे भी कुछ लोग फोन पर चर्चा करने लगे हैं। लेकिन उन्होंने साफ कह दिया है कि वे चुनाव नहीं लड़ेगी।

सुलेखा ने कहा-कामठी में ड्रेगन पैलेस परिसर में आंबेडकर स्मारक भवन के उद्घाटन कार्यक्रम में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के आने के बाद से ही उन्हाेंने चुनाव नहीं लड़ने का संकल्प लिया है। राष्ट्रसेवा के मामले में राजनीति को सबसे पहले स्थान दिया जाने लगा है लेकिन वे ऐसा नहीं मानती है। सामाजिक व धम्म कार्य को सबसे महत्वपूर्ण मानती है। इन कार्यों के लिए ही अधिक योगदान देना चाहती हैं। केंद्रीय अल्पसंख्यक आयोग के सदस्य के तौर पर पूर्वोत्तर के कुछ राज्यों में सामाजिक व धम्म कार्य करने का जो अवसर मिल रहा है उससे संतुष्ट हूं। उन्होंने कहा कि भाजपा ने विकास के वादे को पूरा किया है। चैत्यभूमि, दीक्षाभूमि से लेकर ड्रैगन पैलेस के विकास कार्य के अलावा  बौद्ध धर्मस्थल पर्यटन संबंधी प्रकल्पों को गति दी है। केंद्र व राज्य में भाजपा के नेतृत्व की सरकार से प्रभावित होकर बरिएमं उनके साथ रहेगा। यह समर्थन बिना शर्त दिया गया है।  उल्लेखनीय है सुलेखा कुंभारे कामठी विधानसभा का पहले भी नेतृत्व कर चुकी हैं। पहले वे राज्यमंत्री भी रह चुकी हैं। क्षेत्र की जनता के बीच वे खासी पहचान रखती हैं। लिहाजा विधानसभा चुनाव में उनके नाम की चर्चा होने लगी है।

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