महाराष्ट्र राष्ट्रभाषा सभा की जमीन लीज पर देने पर सरकार नोटिस

महाराष्ट्र राष्ट्रभाषा सभा की जमीन लीज पर देने पर सरकार नोटिस

Anita Peddulwar
Update: 2018-05-19 10:57 GMT
महाराष्ट्र राष्ट्रभाषा सभा की जमीन लीज पर देने पर सरकार नोटिस

डिजिटल डेस्क, नागपुर।  सुप्रीम कोर्ट ने नागपुर सुधार प्रन्यास द्वारा महाराष्ट्र राष्ट्रभाषा सभा को लीज पर दी गई जमीन को सभा द्वारा अवैध रूप से वोक्हार्ट अस्पताल को दिए जाने के मामले में महाराष्ट्र सरकार को नोटिस जारी किया है। कोर्ट इस मामले में अगली सुनवाई 4 जुलाई को करेगा। गौरतलब है कि सिटीजन फोरम के मधुकर कुकडे ने मुंबई हाईकोर्ट के नागपुर बेंच में महाराष्ट्र राष्ट्रभाषा सभा को लीज पर दिए गए पट्‌टे को रद्द करने की मांग करने वाली याचिका दयार की थी। नागपुर बेंच ने 7 सितंबर 2016 को दिए आदेश में इस जमीन को रद्द करने से इनकार कर दिया था, जिसके खिलाफ उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी। 

राष्ट्रभाषा सभा ने अवैध रूप से दी जमीन 
याचिकाकर्ता ने याचिका में कहा है कि हिंदी भाषा का प्रचार और प्रसार होना चाहिए इस उद्देश्य से राज्य सरकार ने दो एकड़ जमीन राष्ट्रभाषा सभा को लीज पर दी थी, लेकिन राष्ट्रभाषा सभा ने अवैध रूप से इसमें से 1.4 एकड़ जमीन वोक्हार्ट अस्पताल को दी है। कुकडे ने याचिका में आगे कहा कि उच्च न्यायालय ने इस बात को अनदेखा किया है कि दोनों के बीच जारी लेन-देन सार्वजनिक हित के खिलाफ है। क्योंकि महाराष्ट्र राष्ट्रभाषा सभा को सालाना केवल 7,01,064 रुपए मिल रहे हैं, जबकि पिछले दस वर्षों से वोक्हार्ट अस्पताल करोड़ों रुपए कमा रहा है। 

सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस रंजन गोगाई और जस्टिस आर भानुमती की बेंच के समक्ष इस मामले में शुक्रवार को सुनवाई हुई। कोर्ट ने इस मामले में राज्य सरकार को नोटिस जारी करते हुए याचिकाकर्ता द्वारा इस मामले में याचिका दायर करने में हुई देरी पर स्पष्टीकरण को स्वीकार किया। साथ ही देरी के लिए फटकार भी लगाई। हिंदी के प्रचार और प्रसार की जिम्मेदारी राष्ट्रभाषा सभा पर है और एनआईटी ने इसे लीज पर जमीन भी दी लेकिन कुछ पदाधिकारियों ने स्वार्थवश जो कार्य किया उसके लिए भी फटकार लगाई गई। 

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