कोरोना से सहमे शहर पर टैक्स की मार, 13 गुना तक हो सकती है बढ़त

कोरोना से सहमे शहर पर टैक्स की मार, 13 गुना तक हो सकती है बढ़त

Bhaskar Hindi
Update: 2021-02-17 09:43 GMT
कोरोना से सहमे शहर पर टैक्स की मार, 13 गुना तक हो सकती है बढ़त


नगर निगम का वॉटर टैक्स होगा तीन गुना, डोर-टू-डोर कचरा कलेक्शन का शुल्क हो जाएगा 13 गुना नगरीय प्रशासन ने लिया निर्णय, गेंद अब प्रशासक के पाले में, उम्मीद इससे निगम आत्मनिर्भर होगा
डिजिटल डेस्क जबलपुर ।
एक तरफ डीजल और पेट्रोल की बढ़ती कीमतों से वैसे ही आम नागरिकों के घरों का बजट बिगड़ा हुआ है, गैस सिलेंडर के दामों ने भी कोई कसर नहीं छोड़ी, वहीं अब नगर निगम भी इस महँगाई की मार को और भी मसालेदार बनाने के लिए तड़का देने की तैयारी में है। शहर का आम नागरिक कोरोना काल के कारण हलाकान है, जिन घरों में लोग बीमारी के शिकार हुए वे उबर भी नहीं पाए, लोगों के काम धंधे चौपट हो गए सो अलग, ऐसे में नगर निगम जलशुल्क को 3 गुना और डोर-टू-डोर कचरा कलेक्शन के शुल्क को एकदम से 13 गुना बढ़ाने की तैयारी कर रहा है। हालाँकि यह बढ़ोत्तरी राज्य शासन के इशारे पर की जा रही है लेकिन अभी गेंद प्रशासक के पाले में है और देखना होगा कि आखिर होता क्या है। पिछले दिनों उपभोक्ता प्रभार के अधिरोपण के सिलसिले में नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग के अधिकारियों और नगरीय निकायों के प्रशासनिक अधिकारियों की वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बैठक हुई थी। बैठक में यह तय किया गया था कि नगर निगम जितनी राशि जिस सेवा पर खर्च करता है उतनी राशि लोगों से वसूल नहीं कर पाता है और इसके चलते नगर निगम कभी आत्मनिर्भर नहीं हो पाएगा। यही कारण है कि यह तय किया गया था कि अब निगम जितनी राशि सफाई, जल व्यवस्था और अन्य मदों पर खर्च करता है उतनी राशि लोगों से करों के रूप में वसूल की जाएगी। अब नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग के संयुक्त संचालक आरके कार्तिकेय का पत्र निगम में पहुँच चुका है और उसमें साफ कहा गया है कि माह अप्रैल 2021 से वर्ष 2021-22 में उपभोक्ता प्रभार की दरें प्रभावशील करने हेतु कार्यवाही कर 10 मार्च तक पालन प्रतिवेदन प्रेषित किया जाए। इसका सीधा सा मतलब है कि निगम को हर हाल में करों की राशि में बढ़ोत्तरी करनी ही होगी। 
7 हजार हो जाएगा जलशुल्क
जानकारों का कहना है कि नगर निगम जल व्यवस्था पर यदि पूरी तरह आत्मनिर्भर होने की कोशिश करेगा तो इसके लिए लोगों से कई गुना अधिक शुल्क वसूलना पड़ेगा। निगम के कुल 1 लाख 50 हजार नल कनेक्शनधारी हैं, वर्तमान में नगर निगम जलशुल्क के रूप में सामान्य कनेक्शनधारी से 170 रुपए मासिक और 2040 रुपए सालाना वसूल करता है, व्यावसायिक कनेक्शनधारी से 530 रुपए मासिक और 6360 रुपए सालाना, वहीं गरीबी रेखा कार्डधारियों से 1 रुपए रोजाना के रूप में 360 रुपए सालाना जलशुल्क लिया जाता है। 100 करोड़ की पूरी वसूली यदि जलकर दाताओं से की जाएगी तो इसके लिए ये शुल्क कम से कम तीन गुना करना पड़ेगा जिससे करदाताओं की कमर टूट जाएगी।
सफाई पर 100 करोड़ खर्च, वसूली 1 करोड़
नगर निगम सफाई पर भी सालाना करीब 100 करोड़ रुपए खर्च करता है और जब डोर-टू-डोर के शुल्क की वसूली की बात आती है तो लोग यह शुल्क देने में कतरा रहे हैं। उनका कहना है कि कचरा गाड़ी आती ही नहीं तो शुल्क किस बात का। उनका कहना भी जायज है क्योंिक अभी तक पूरे शहर में कचरा गाड़ी पहुँच ही नहीं पाती हैं। डोर-टू-डोर शुल्क के तहत निगम आवासीय करदाताओं से 1 रुपए प्रतिदिन और व्यावसायिक से 2 रुपए प्रतिदिन के हिसाब से शुल्क वसूल कर रहा है। शहर में कुल दर्ज सम्पत्तियाँ 2 लाख 63 हजार हैं। निगम इस शुल्क में 13 गुना बढ़ोत्तरी कर करीब एक घर से 5 हजार रुपए सालाना वसूली करने की तैयारी में है।

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