शिक्षक नहीं बता सके महाद्वीपों के नाम, कलेक्टर बोले-पहले खुद पढ़ें

 शिक्षक नहीं बता सके महाद्वीपों के नाम, कलेक्टर बोले-पहले खुद पढ़ें

Bhaskar Hindi
Update: 2019-07-19 08:05 GMT
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डिजिटल डेस्क,टीकमगढ़। जिले के सरकारी स्कूलों की लगातार मिल रहीं शिकायतों के चलते जिला प्रशासन ने सख्त रवैया अपनाने का फैसला लिया है। गुरुवार को शिक्षा विभाग की समीक्षा बैठक के दौरान कलेक्टर सौरभ कुमार सुमन ने एक शिक्षक से सात महाद्वीप के नाम पूछे तो वे नहीं बता पाए। जिस पर उन्होंने नाराजगी व्यक्त की। उन्होंने कहा कि शिक्षकों से ऐसी आशा नहीं है। उन्होंने स्कूलों में विश्व मानचित्र और भारत का मानचित्र लगाने के सख्त निर्देश दिए। कलेक्टर ने कहा कि अतिथि शिक्षक भी ऐसे नियुक्त किए जाएं, जिनको सामान्य ज्ञान हो। जिन अतिथि शिक्षकों को यदि विषय की जानकारी नहीं हो तो उनको तत्काल हटाया जाए। उन पदों पर पुन: योग्य अतिथि शिक्षकों को नियुक्त करें। उन्होंने सख्त लहजे में कहा कि शिक्षक पहले स्वयं शिष्टाचार सीखें, फिर छात्रों को सिखाएं। उन्होंने डीईओ और संकुल प्राचार्यों को निर्देश देते हुए कहा कि स्कूलों से लंबे समय से गैरहाजिर शिक्षकों पर कार्रवाई की जाए। इस संबंध में बुढ़ेरा में लम्बे समय से अनुपस्थित शिक्षिका के खिलाफ कार्रवाई करने के निर्देश दिए। साथ ही सीएसी को नोटिस जारी करने का आदेश जारी किया है।
 

शिष्टाचार जब शिक्षकों में होगा, तभी बच्चों को दे पाएंगे

कलेक्टर सुमन ने बीआरसी के कार्यों की समीक्षा करते हुए नराजगी व्यक्त की। उन्होंने कहा कि बीआरसी को पता ही नहीं होता है कि कमियां कहां-कहां पर हैं। उन्होंने कहा कि समस्त बीआरसी को अपने क्षेत्र की और अधिक जानकारी हो। साथ ही उन्होंने मैपिंग करने के सख्त निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि समस्त बीआरसी अगली मीटिंग तक पूरी मैपिंग कर जानकारी प्रस्तुत करेंगे। सुमन ने कहा कि शिष्टाचार जब शिक्षकों में होगा, तभी बच्चों को दे पाएंगे। इस अवसर पर जिला शिक्षा अधिकारी, जिले के संकुल प्राचार्य, बीआरसी, बीएसी एवं शिक्षक उपस्थित रहे। 

12 नहीं 48 बार निरीक्षण करें  

सुमन ने कहा कि शिक्षा विभाग के संबंधित सभी अधिकारी माह में भ्रमण पर 12 बार नहीं, बल्कि 48 बार जाएं, जिससे व्यवस्था चुस्त-दुरुस्त रहे। संकुल प्राचार्यों से उम्मीद जाहिर की है कि सभी स्कूलों के फॉर्म समय पर, सही ढंग से भरे जाएं। सभी प्राचार्य वॉट्सअप पर जानकारी दें कि कौन से प्राचार्य कब स्कूल आए तथा कब स्कूल खोला गया, जो प्राचार्य, शिक्षक अनुपस्थित होगा, इसकी जानकारी भी देंगे। उन्होंने कहा कि फ्रिंगर प्रिंट मशीनें 15 दिनों में ठीक की जाएं, नहीं तो कार्रवाई की जाएगी। सरकारी रिकॉर्ड की हेरफेर करने पर मामला दर्ज होगा।

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