बार-बार क्यों बढ़ाया जा रहा पोषण आहार का टेंडर, राज्य सरकार को नोटिस

बार-बार क्यों बढ़ाया जा रहा पोषण आहार का टेंडर, राज्य सरकार को नोटिस

Bhaskar Hindi
Update: 2019-09-05 08:44 GMT
बार-बार क्यों बढ़ाया जा रहा पोषण आहार का टेंडर, राज्य सरकार को नोटिस

डिजिटल डेस्क,जबलपुर। हाईकोर्ट के एक्टिंग चीफ जस्टिस आरएस झा और जस्टिस विशाल धगट की युगल पीठ ने राज्य सरकार और महिला एवं बाल विकास को नोटिस जारी कर पूछा है कि मध्यप्रदेश में पोषण आहार का टेंडर बार-बार क्यों बढ़ाया जा रहा है। युगल पीठ ने अनावेदकों को चार सप्ताह में जवाब देने का निर्देश दिया है। 
 

आहार सप्लाई का  टेंडर अक्टूबर 2018 में समाप्त हो चुका 

घमापुर जबलपुर निवासी अधिवक्ता जयप्रकाश शाह ने जनहित याचिका दायर कर मध्यप्रदेश में पोषण आहार का टेंडर बार-बार बढ़ाए जाने को चुनौती दी है। याचिका में कहा गया है कि मध्यान्ह भोजना योजना के तहत केन्द्र सरकार बच्चों और गर्भवती महिलाओं के लिए पोषण आहार के लिए शत-प्रतिशत अनुदान देती है। राज्य सरकार को पोषण आहार सप्लाई करने की जिम्मेदारी दी गई है। मध्यप्रदेश सरकार ने 28 मार्च 2018 को मध्यप्रदेश में पांच महीने के लिए पोषण आहार सप्लाई के लिए टेंडर बुलाए। मई 2018 से सितंबर 2018 तक यानी पांच महीने के लिए कोटा दाल मिल कोटा, राजस्थान, एमपी एग्रोटॉनिक्स लिमिटेड इंदौर और सुरूचि फूड्स दिल्ली को मध्यप्रदेश में पोषण आहार का टेंडर मिला। याचिका में कहा गया कि पोषण आहार सप्लाई का  टेंडर अक्टूबर 2018 में समाप्त हो चुका है। अधिवक्ता अशोक अग्रवाल ने तर्क दिया कि अक्टूबर 2018 में टेंडर समाप्त होने के बाद भी बार-बार टेंडर की अवधि बढ़ाई जा रही है। 

केन्द्र सरकार ने पोषण आहार का स्टेंडर्ड भी बदल दिया

इस बीच केन्द्र सरकार ने पोषण आहार का स्टेंडर्ड भी बदल दिया है। इसके बाद भी पुराने स्टेंडर्ड से ही पोषण आहार की सप्लाई की जा रही है। याचिका में राहत चाही गई कि मध्यप्रदेश में पोषण आहार के लिए नए टेंडर जारी किए जाए और केन्द्र सरकार के नए स्टेंडर्ड के अनुसार पोषण आहार की सप्लाई सुनिश्चित की जाए। युगल पीठ ने सुनवाई के बाद अनावेदकों को नोटिस जारी कर चार सप्ताह में जवाब-तलब किया है।
 

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