नई तकनीकी से सुरक्षित व ज्यादा मजबूत होंगी देश की सीमाएँ
नई तकनीकी से सुरक्षित व ज्यादा मजबूत होंगी देश की सीमाएँ
भारत रत्न भीमराव अम्बेडकर इंस्टीट्यूट ऑफ टेलीकॉम ट्रेनिंग सेंटर में आईटीबीपी को दिया जा रहा प्रशिक्षण
डिजिटल डेस्क जबलपुर । देश की सरहद को उच्च तकनीक के सहारे सुरक्षित रखने का प्रयास किया जा रहा है। एशिया के सबसे बड़े अंतर्राष्ट्रीय स्तर के दूरसंचार प्रशिक्षण केंद्र में पहली बार भारतीय सेना (आईटीबीपी) के अधिकारियों को ऑप्टिकल फाइबर सेटेलाइट एवं एडवांस माइक्रोवेव कम्युनिकेशन विषय पर एक माह का प्रशिक्षण दिया जा रहा है। इस ट्रेनिंग की सोमवार से शुरूआत की गई। प्रशिक्षण में अत्याधुनिक संचार की तकनीकों का प्रयोगिक ज्ञान दिया जाएगा। इसमें सी पान व पैकेट बेस्ड ऑप्टिकल संचारण पर विशेष जोर दिया जाएगा। प्रशिक्षण के दौरान सेना के अधिकारियों को यह भी बताया गया कि आने वाली 5-जी तकनीक से देश की सीमाओं को और सुरक्षित करने के लिए संचारण अधिक जरूरी है।
देश की सीमाओं के दुर्गम स्थानों तक संचार व्यवस्था के लिए माइक्रोवेव सिस्टम का उपयोग एवं रख-रखाव के लिए आईटीबीपी के 30 से अधिक अधिकारियों को प्रायोगिक ज्ञान के साथ प्रशिक्षण दिया जाएगा।
उन्नत तकनीक से सुरक्षा जरूरी
प्रशिक्षण के उद््घाटन सत्र को संंबोधित करते हुए मुख्य अतिथि सांसद राकेश सिंह ने कहा कि देश की सुरक्षा के लिए उन्नत तकनीक अपनाई जा रही है। सेना अधिकारियों को यह प्रशिक्षण सीमा सुरक्षा के लिए कारगर साबित होगा। उन्होंने यह भी कहा कि संस्थान को ज्यादा आधुनिक बनाने के लिए प्रयास किए जाएँगे। इस अवसर पर जोन के आईजी बीएस चौहान ने कहा कि यह प्रशिक्षण सेना के लिए बहुत उपयोगी है। इससे सेना की कार्यक्षमता बढ़ाने में मदद मिलेगी। मावे अध्यक्ष श्रीमती अर्चना भटनागर ने महिलाओं के लिए नए स्किल डेवलपमेंट कोर्सेस शुरू करने की बात कही एवं आईटीबीपी का देश की सीमाओं को नई तकनीकों की मदद से सुरक्षित रखने के प्रयासों को महत्वपूर्ण बताया। इस अवसर पर संस्थान के महाप्रबंधक डॉ. मनीष शुक्ला द्वारा संस्थान के समस्त अधिकारियों एवं कर्मचारियों के अमूल्य योगदान को सराहा गया एवं यह संकल्प दोहराया कि संस्थान भारतीय सेना को नई तकनीकों में प्रशिक्षित करने हेतु लगातार प्रयासरत रहेगा।