बच्चों ने फेक आईडी पर बनाया ग्रुप, बेटी की जगह मम्मी को पहुंच गए अश्लील वीडियो

बच्चों ने फेक आईडी पर बनाया ग्रुप, बेटी की जगह मम्मी को पहुंच गए अश्लील वीडियो

Bhaskar Hindi
Update: 2018-04-04 08:58 GMT
बच्चों ने फेक आईडी पर बनाया ग्रुप, बेटी की जगह मम्मी को पहुंच गए अश्लील वीडियो

डिजिटल डेस्क जबलपुर । आदर्श नगर में रहने वाली एक बड़े परिवार की महिला की फेसबुक साइड पर किसी युवती की आईडी से कई अश्लील वीडियो पहुंचे। महिला हैरान थी, क्योंकि उसके मोबाइल और  फेसबुक का उपयोग उसकी 14 साल की बेटी भी करती थी। महिला ने इस बात की शिकायत रामपुर स्थित एसटीएफ स्टेट साइबर सेल में की। एसटीएफ ने जांच की तो पता चला कि जिस आईडी से महिला को वीडियो भेजे गए थे, वे उनकी बेटी के क्लास में पढऩे वाले एक छात्र ने भेजे थे। छात्र को बुलाकर पूछताछ की गई तो चौंकाने वाला खुलासा हुआ, छात्र ने जानकारी दी कि पिछले एक साल से उसकी तरह, कई   हाईप्रोफाइल परिवारों के स्कूल में पढऩे वाले 12 से 16 साल की उम्र के बच्चे उसके फेक फेसबुक ग्रुप में शामिल हैं।
रोज 100 वीडियो होते थे अपलोड
फेक फेसबुक ग्रुप में स्कूली बच्चे हर िदन 100 से ज्यादा अश्लील वीडियो, तस्वीरें और तमाम तरह की गंदी जानकारियोंं का आदान-प्रदान करते थे।
बच्चों के साथ पेरेन्ट्स को दी समझाइश
इस चौंकाने वाले खुलासे के बाद एसटीएफ की जांच जैसे-जैसे आगे बढ़ी एक शहर के 20 से ज्यादा संभ्रांत परिवारों के बच्चों के नाम आए, शिकायत करने वाली महिला को आधार बनाकर एसटीएफ ने सभी बच्चों के साथ उनके पेरेन्ट्स को समझाइश दी और फेक ग्रुप को बंद किया। एसटीएफ ने बच्चों के भविष्य को देखते हुए किसी तरह की कानूनी कार्रवाई भी नहीं की।
जागो पेरेन्ट्स जागो
एसटीएफ की इस कार्रवाई ने उन पेरेन्ट्स को भी अलर्ट कर दिया है, जो लाड़ प्यार और इंटरनेट यूज के लिए अपने बच्चों को महंगे मोबाइल फोन खरीदकर तो दे देते हैं, लेकिन बाद में बच्चे पढ़ाई की जगह फेसबुक और वॉट्सएप के साथ अन्य सोशल मीडिया के गलत इस्तेमाल में जुटे रहते हैं। एसटीएफ में शिकायत करने वाली महिला का कहना था कि उसे शुरू से ही अपनी बेटी की चिंता थी, वे लोग हर तरह से सम्पन्न हैं, लेकिन इसके बावजूद उन्होंने कभी भी बेटी को न तो अलग मोबाइल दिया और न ही फेसबुक आईडी बनाने दी, वे बेटी को अपने ही मोबाइल का यूज करने देतीं थीं, जिसमें वह कभी-कभी फेसबुक के जरिए दोस्तों से चेटिंग करती थी।            

इनका कहना है
स्टेट साइबर सेल में एक शिकायत पहुंची थी, जिसकी जांच में हाईप्रोफाइल परिवारों के बच्चों द्वारा बनाया गया फेक फेसबुक ग्रुप का पता चला, समझाइश के बाद फेक आईडी पर चल रहे ग्रुप को बंद करा दिया गया है। पेरेन्टस को जागरूक होना चाहिए और इस तरह की गड़बड़ी को रोककर बच्चों के भविष्य पर ध्यान देना चाहिए।
-हरिओम दीक्षित निरीक्षक एसटीएफ

 

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