स्मार्ट सिटी के बुरे हैं हाल, जान जोखिम में डाल नाग नदी पार कर स्कूल के बच्चे

स्मार्ट सिटी के बुरे हैं हाल, जान जोखिम में डाल नाग नदी पार कर स्कूल के बच्चे

Anita Peddulwar
Update: 2019-11-21 08:20 GMT
स्मार्ट सिटी के बुरे हैं हाल, जान जोखिम में डाल नाग नदी पार कर स्कूल के बच्चे

डिजिटल डेस्क, नागपुर। नागपुर स्मार्ट सिटी बनने की ओर अग्रसर है, लेकिन यहां कुछ क्षेत्र ऐसे हैं, जहां आज भी बच्चों को स्कूल जाने के लिए जान जोखिम में डाल कर स्कूल जाना पड़ रहा है। कलमना क्षेत्र स्थित वांजरा व वैष्णो देवी नगर के बच्चों को स्कूल जाने के लिए नाग नदी को पार कर जाना पड़ता है। ये बच्चे नाग नदी से गुजरनेवाली पाइप लाइन के बगल से बनी संकरी जगह से नदी को पार करते हैं। वैष्णो देवी नगर के हालात और भी विकट हैं। यहां नाला पार करने के लिए लोगों ने सीमेंट के विद्युत पोल को पुल की तरह लगा रखा है। इसी से बच्चे प्रति दिन आना-जाना करते हैं। हालांकि दोनों जगह पर्यायी रास्ता है, लेकिन 5 से 6 किमी घूमकर जाने की अपेक्षा बच्चे इन्हीं रास्तों से जान जोखिम में डालकर  स्कूल जाते हैं।

बंद है पुलिया का काम
शहर के प्रभाग क्रमांक 4 अंतर्गत वांजरा व वैष्णोदेवी नगर आते हैं। वांजरा पहले ग्राम पंचायत था, लेकिन अब यह शहर के दायरे में आ गया है। यहां के लोग आज भी बुनियादी सुविधाओं से वंचित हैं। वांजरा में सौ से ज्यादा स्कूली बच्चे हैं। इन्होंने परिसर के स्कूलों में ही 5वीं तक की शिक्षा ली। अब उन्हें आगे की शिक्षा के लिए वन देवी नगर की ओर जाना पड़ता है। वांजरा और स्कूल के बीच नाग नदी है, जो करीब 30 मीटर चौड़ी है। लोगों की सुविधा के लिए यहां वर्षों पहले पुलिया का काम शुरू हुआ था, लेकिन किसी कारण काम बंद है। ऐसे में लोगों को पीली नदी पुलिया से या कलमना से घूमकर जाना पड़ता है। जिससे समय और पेट्रोल की बर्बादी होती है। 

नाले को पार करने सीमेंट के पोल का सहारा
वैष्णो देवी नगर में हालात और भी विकट हैं। यहां नाले को पार करने के लिए सीमेंट के पोल ही लोगों ने डाल रखे हैं। लोग यहीं से जाना-आना करते हैं। छोटे स्कूली बच्चे भी यहीं से आना-जाना करते हैं। हालांकि नाले की गहराई ज्यादा नहीं है, फिर भी पैर फिसलने पर यदि कोई बच्चा गिरता है, तो गंभीर रूप से जख्मी हो सकता है। यहां रहनेवाले राजेश सिरसाठ ने बताया कि नाला पार करने के लिए वर्षों से लोगों ने यह जुगाड़ कर रखा है। बारिश में पोल बह जाते हैं। उसे फिर से सब मिलकर लगाते हैं। रात में कई बार लोगों के नाले में गिरने की घटना हो चुकी है। 

6 किमी का चक्कर लगाने से बचते हैं
 करीब 6 किमी का लंबा चक्कर लगाने से बचाने के लिए लोग नाले को पार करनेवाली पानी की बड़ी पाइप लाइन का सहारा लेते हैं। पाइप लाइन के सुधार के लिए इसी के पास से एक संकरा मार्ग बनाया गया है, जो पाइप लाइन के साथ नाला पार करता है। यहां पाइप लाइन में इतनी गैप है कि कोई भी इसके भीतर से लगभग 15 से 20 फीट गहरे नाले में गिर सकता है। फिर भी लोग समय बचाने के लिए इसका उपयोग करते हैं। लोगों की देखा-देखी रोजाना 100 से 150 बच्चे साइकिल के साथ इसे पार करते हैं। इससे कभी-भी बड़ी घटना हो सकती है। बच्चों का कहना है कि स्कूल में होनेवाली देरी से बचने के लिए वे ऐसा करते हैं। 

कुछ दिनों से बंद है काम
जो पुलिया का काम है, वह प्रभाग क्रमांक 3 के नगरसेवक के अंतर्गत आता है। हालांकि समस्या को ध्यान में रखते हुए जल्द ही काम करने का प्रयास जारी है। ठेकेदार के लोग नहीं आने से काम कुछ दिनों से बंद है।  -शेषराव गोतमारे, नगरसेवक, प्रभाग क्रमांक 4

Tags:    

Similar News