पाठ्यक्रम को नहीं मिली मान्यता , हाईकोर्ट ने मंत्रालय को बनाया प्रतिवादी

पाठ्यक्रम को नहीं मिली मान्यता , हाईकोर्ट ने मंत्रालय को बनाया प्रतिवादी

Anita Peddulwar
Update: 2019-11-14 07:31 GMT
पाठ्यक्रम को नहीं मिली मान्यता , हाईकोर्ट ने मंत्रालय को बनाया प्रतिवादी

डिजिटल डेस्क, नागपुर । शहर के इंदिरा गांधी शासकीय चिकित्सालय व अस्पताल में डिप्लोमा इन मेडिकल एंड रेडियो डायग्नोसिस पाठ्यक्रम की मान्यता के मुद्दे पर केंद्रित याचिका पर  बॉम्बे हाईकोर्ट की नागपुर खंडपीठ में सुनवाई हुई। जिसमें याचिकाकर्ता डॉ. रवि बंग व अन्य की ओर से एड. भानूदास कुलकर्णी ने कोर्ट को बताया कि मेयो में एमआरआई यूनिट और डिजिटल एंजियोग्राफी यूनिट नहीं होने के कारण एमसीआई ने उक्त पाठ्यक्रम पिछले वर्ष मान्यता समाप्त कर दी थी। लेकिन अब मेयो में यह दोनों यूनिट शुरू हो गए हैं। इसके बावजूद मेडिकल काउंसिल आॅफ इंडिया (एमसीआई) से पाठ्यक्रम को मान्यता नहीं मिली है। इस पर एमसीआई के अधिवक्ता ने दलील दी कि उनकी ओर से पाठ्यक्रम को मंजूरी देने का प्रस्ताव केंद्रीय स्वास्थ्य पर परिवार कल्याण मंत्रालय को भेज दिया है। लेकिन मंत्रालय से अभी तक मान्यता नहीं आई है। ऐसे में याचिकाकर्ता की विनती पर हाईकोर्ट ने मंत्रालय को प्रतिवादी बना कर नोटिस जारी किया है। साथ ही 8 सप्ताह में निर्णय लेने के भी आदेश दिए हैं।

यह है मामला
याचिकाकर्ता मेयो में रेडियोलॉजी का डिप्लोमा कर चुके हैं। वर्ष 1986 से मेयो में जारी इस पाठ्यक्रम को भारतीय वैद्यक परिषद (एमसीआई) की मान्यता नहीं है। एमआरआई यूनिट बगैर यहां रेडियोलॉजी पाठ्यक्रम को मान्यता देने से एमसीआई ने इनकार किया था। ऐसे में विद्यार्थियों ने हाईकोर्ट की शरण ली थी। जिसके बाद हाईकोर्ट में इस प्रकरण में लगातार सुनवाई हुई। अंतत: शिर्डी के साईंबाबा देवस्थान ने राज्य सरकार को 12 करोड़ रुपए दान किए, जिससे मेयो में एमआरआई यूनिट लगाने की तैयारी हुई। इस आधार पर सरकार ने 26 मार्च 2018 को एक जीआर निकाला। इस राशि से मेयो में एमआरआई मशीन लगाने की घोषणा की। लेकिन घोषणा के लंबे समय बाद भी मेयो में एमआरआई मशीन नहीं लगाई जा सकी थी। हाईकोर्ट की सख्ती के बाद आखिरकार मेयो में एमआरआई यूनिट शुरू हो गया है। अब पाठ्यक्रम को मान्यता देने का मुद्दा विचाराधीन है।
 

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