ओएफके में हुए दूसरे विस्फोट ने उड़ाई थी बिल्डिंग,मुख्य बमों का उत्पादन हुआ प्रभावित, टारगेट पर पड़ेगा असर

ओएफके में हुए दूसरे विस्फोट ने उड़ाई थी बिल्डिंग,मुख्य बमों का उत्पादन हुआ प्रभावित, टारगेट पर पड़ेगा असर

Bhaskar Hindi
Update: 2020-03-20 08:35 GMT
ओएफके में हुए दूसरे विस्फोट ने उड़ाई थी बिल्डिंग,मुख्य बमों का उत्पादन हुआ प्रभावित, टारगेट पर पड़ेगा असर

डिजिटल डेस्क जबलपुर । आयुध निर्माणी खमरिया में बुधवार की रात करीब 7.40 बजे बम फिलिंग सेक्शन के एफ-2 सेक्शन की बिल्डिंग नम्बर 147 में हुए धमाके के बाद दूसरा धमाका रात करीब 8.30 बजे हुआ। दूसरा विस्फोट इतना भयंकर था कि पूरी बिल्डिंग की उड़ गई। पहली बार हुए धमाके की जानकारी किसी को नहीं मिल सकी, लेकिन जब दूसरा धमाका हुआ तब कहीं जाकर पता लगा कि धमाका तो एफ-2 की बिल्डिंग में हुआ है। यदि पहले धमाके की जानकारी मिल जाती तो बिल्डिंग में हुए दूसरे धमाके के बड़े नुकसान से बचा जा सकता था। विस्फोट ने ओएफके के टारगेट पर असर डाल दिया है। यहाँ पर बनने वाले 84एएम बमों के साथ 30एमएम बमों का उत्पादन भी ठप होने की स्थिति में आ गया है। करीब चार सौ करोड़ के बमों का उत्पादन प्रभावित हो सकता है। विस्फोट की वजह की प्रारंभिक जाँच रिपोर्ट अभी नहीं आई है लेकिन यह संभावना जाताई जा रही है कि ओवन के कारण आग लग सकती है। फिलहाल शॉर्ट सर्किट से आग लगने की बात सामने नहीं आई है। इस बात को लेकर निर्माणी में पूरे दिन चर्चा रही कि पहले विस्फोट की जानकारी मिल जाती तो दूसरे बड़े विस्फोट को रोका जा सकता था। करीब पौन घंटे का फासला  पहले एवं दूसरे विस्फोट के बीच था। इतने समय में यदि विस्फोट स्थल का पता लगा लिया जाता तो इस बड़े हादसे से बचा जा सकता था। 
मैटल की आग बुझाने के संसाधन की कमी 7 जब मैटल की आग लगी तो उस समय उस मिक्चर की कमी थी, जिससे आग पर काबू पाया जा सके। पानी से आग और भड़क गई जिसके कारण करीब साढ़े तीन घंटे का वक्त लग गया। इस मामले में जो जाँच कमेटी बनी है जाँच कर रही है। 
टारगेट को पूरा करने की समस्या 
मैग्नीशियम पाउडर का जितना भी स्टॉक था वह सब जल गया है। करीब सौ किलो मैग्नीशियम पाउडर एवं मिक्चर पाउडर नष्ट हो जाने से उत्पादन पर बुरा असर पड़ेगा, अब इस विकल्प की तैयारी की जा रही है कि टारगेट जो कि डेढ़ हजार करोड़ से अधिक है उसको पूरा करने में दिक्कत न आए। 
फिर से बनानी पड़ेगी बिल्डिंग 
जिस बिल्डिंग में आग लगी थी वह करीब साढ़े चार हजार वर्गफीट में बनी थी और अब फिर से उसे बनाना पड़ेगा। इस बिल्डिंग में मैग्नीशियम  पाउडर एवं मिक्चर ही रखे जाते थे, जो कि बमों के पैलेट में लगता है। अब नये सिरे से पाउडर मँगाना पड़ेगा जिसमें समय लगेगा।
 

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