बफर में सफऱ योजना से पर्यटन उद्योग को  से मिलेगी संजीवनी

बफर में सफऱ योजना से पर्यटन उद्योग को  से मिलेगी संजीवनी

Bhaskar Hindi
Update: 2021-06-29 10:11 GMT
बफर में सफऱ योजना से पर्यटन उद्योग को  से मिलेगी संजीवनी

डिजिटल डेस्क  पन्ना। कोरोना महामारी के चलते लगाये गए प्रतिबंधों से मध्यप्रदेश में पर्यटन उद्योग को भारी क्षति हुई है। टाइगर रिजर्वों के खुलने से थोड़ी राहत मिली थी, लेकिन बारिश के मौसम में 3 माह तक प्रदेश के सभी टाइगर रिजर्व बंद रहेंगे। ऐसी स्थिति में मानसून सीजन में च्बफर में सफऱज् पर्यटन उद्योग के लिए संजीवनी साबित हो सकता है। पन्ना टाइगर रिजर्व के क्षेत्र संचालक उत्तम कुमार शर्मा ने बताया कि च्बफर में सफरज् योजना के तहत पीटीआर के अकोला और झिन्ना बफर क्षेत्र में कोरोना गाइडलाइन का पालन करते हुए पर्यटकों को जंगल में सैर करने की इजाजत रहेगी। क्षेत्र संचालक ने बताया 30 जून से टाइगर रिजर्व के कोर क्षेत्र में पर्यटन बंद हो जायेगा। लेकिन बफर क्षेत्र के अकोला व झिन्ना सहित पांडव फॉल एवं रनेह फॉल में पर्यटन मानसून सीजन में भी यथावत जारी रहेगा। इसके लिए पार्क प्रबंधन द्वारा पर्यटकों को असुविधा न हो पूरी तैयारियां कर ली गई है।
, इसके लिए उन मार्गों पर जहां मिट्टी है, वहां पत्थर की पिचिंग करा दी गई है। श्री शर्मा ने बताया कि बारिश के तीन माह टाइगर रिजर्व के कोर क्षेत्र पर्यटन के लिए इसलिए बंद रहते हैं, क्योंकि नदी और नालों में पानी आ जाता है तथा जंगली मार्ग भी खराब हो जाते हैं। इसके अलावा वन्य प्राणियों का यह प्रजनन काल भी होता है। पर्यटन बंद रहने से उन्हें इस दौरान एकांत और शांत वातावरण मिल जाता है। पन्ना टाइगर रिजर्व के उपसंचालक जरांडे ईश्वर रामहरि ने बताया कि अकोला बफर में बराछ डेम, रॉक पेंटिंग तथा बाघ पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र रहेंगे। जबकि झिन्ना बफर क्षेत्र में बल्चर पॉइंट के साथ प्राकृतिक मनोरम स्थल, वाटरफॉल तथा गहरे सेहा हैं, जिनका पर्यटक लुत्फ उठा सकेंगे। उप संचालक श्री जरांडे ने इसकी जानकारी देते हुए बताया कि अकोला व झिन्ना बफर क्षेत्र में 12 सौ रुपए प्रति जिप्सी या 200 रुपये प्रति व्यक्ति शुल्क देना होता है। उन्होंने बताया कि कि दोनों जगह पर्यटक दिन के उजाले में जंगल की सैर करने के साथ साथ नाइट सफारी का भी आनंद ले सकते हैं। बफर क्षेत्र में सुबह, शाम और रात तीन शिफ्ट में पर्यटकों को भ्रमण के लिए इंट्री मिलती है। श्री जरांडे ने बताया कि पांडव फॉल में प्रवेश शुल्क दोपहिया वाहन सौ रुपये, तीन पहिया वाहन 200 रुपये तथा चार पहिया वाहन का 300 रुपये लगता है। जबकि रनेह फॉल में दोपहिया वाहन 200 रुपये, तीन पहिया वाहन 400 तथा चार पहिया वाहन का 600 रुपए शुल्क लिया जाता है।
 

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