दिन रात भटक रहे पानी के लिए -15 हजार की आबादी वाला गांव बूंद-बूंद के लिए तरस रहा

दिन रात भटक रहे पानी के लिए -15 हजार की आबादी वाला गांव बूंद-बूंद के लिए तरस रहा

Bhaskar Hindi
Update: 2018-04-18 08:41 GMT
दिन रात भटक रहे पानी के लिए -15 हजार की आबादी वाला गांव बूंद-बूंद के लिए तरस रहा

डिजिटल डेस्क टीकमगढ़ । जैसे-जैसे पारा चढ़ रहा है, वैसे-वैसे जल स्तर घटता जा रहा है। लगातार तीन साल से सूखा की मार झेल रहे लोग अब पानी की बूंद-बूंद के लिए तरस रहे हैं। मंगलवार को ऐसा ही एक नजारा दिखाई दिया। 25 किमी दूर ग्राम पंचायत दिगौड़ा के एक दर्जन से ज्यादा लोग तपती दोपहरी में साइकिल चलाकर जनसुनवाई में पहुंचे। खाली डिब्बे लटकाए ग्रामीणों ने कलेक्टर से कहा कि 15 हजार आबादी वाली पंचायत में पानी का इंतजाम नहीं है। दो डिब्बे पानी के लिए लोगों को 2 से 3 किमी दूर जाना पड़ता है।

गांव के राजेन्द्र राजा परमार, अंकित संज्ञा, सत्येन्द्र जैन ने बताया कि पूरा गांव दिन और रात पानी की तलाश में भटकता रहता है। बड़ी मुश्किल से दो तीन डिब्बे पानी ही नसीब हो पा रहा है। प्रशासन और पंचायत स्तर से पानी की समस्या का समाधान नहीं किया जा रहा है। ग्रामीणों ने बताया कि जल संकट के कारण जहां एक ओर लोगों को परेशानी हो रही है। वहीं मवेशियों को भी पानी नसीब नहीं हो रहा है। साइकिलों पर खाली डिब्बे लेकर जनसुनवाई पहुंचे ग्रामीणों ने कलेक्टर से पंचायत में पानी का इंतजाम करने की बात कही।

उन्होंने कहा कि जल्द ही समस्या का समाधान नहीं हुआ तो गांव के सभी लोग कलेक्ट्रेट में आकर प्रदर्शन करेंगे। इस मौके पर मनीष संज्ञा, अरविंद पटैरिया, अनूप चौबे, वीरेन्द्र साहू, राघवेन्द्र घोष सहित ग्रामीण मौजूद रहे। आत्मदाह की चेतावनी दी- मंगलवार को जनसुनवाई पहुंची रिटायर्ड शिक्षिका चंद्रप्रभा जैन ने अधिकारियों के रवैये से परेशान होकर आत्मदाह की चेतावनी दी।

चंद्रप्रभा ने बताया कि सहायक शिक्षक पद से 31 जुलाई 2016 को रिटायर्ड हुई थीं, लेकिन जीपीएफ सरेंडर लीव नियुक्ति दिनांक से पूर्ण वेतनमान का एरियर्स एवं सातवें वेतनमान का एरियर्स अभी तक नहीं मिला है। कई बार संकुल केंद्र के चक्कर लगाने के बाद भी भुगतान नहीं किया जा रहा है। संकुल प्रचार्य और लिपिक जानबूझकर प्रताडि़त कर रहे हैं। महिला ने कलेक्टर को ज्ञापन सौंपकर सात दिन के अंदर समस्या का समाधान करने की मांग की है।

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