पहाडिय़ों से अतिक्रमण हटाने में न हो भेदभाव, सूरजताल और सूपाताल का करो संरक्षण - हाईकोर्ट 

पहाडिय़ों से अतिक्रमण हटाने में न हो भेदभाव, सूरजताल और सूपाताल का करो संरक्षण - हाईकोर्ट 

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Update: 2019-09-10 08:41 GMT
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डिजिटल डेस्क जबलपुर । हाईकोर्ट के एक्टिंग चीफ जस्टिस आरएस झा और जस्टिस विशाल धगट की युगल पीठ ने राज्य सरकार और जिला प्रशासन को आदेश दिया है कि मदन महल और अन्य पहाडिय़ों से अतिक्रमण और अवैध निर्माण हटाने की कार्रवाई में किसी भी प्रकार का भेदभाव नहीं किया जाए। युगल पीठ ने मदन महल सहित अन्य पहाडिय़ों से अतिक्रमण और अवैध निर्माण हटाने की कार्रवाई निरंतर जारी रखने का आदेश है। युगल पीठ ने सूरजताल और सूपाताल का संरक्षण करने का भी आदेश दिया है।  मामले की अगली सुनवाई 24 सितंबर को नियत की गई है। 
109 अतिक्रमण और अवैध निर्माण हटाए गए
सोमवार को राज्य सरकार की ओर से अतिरिक्त महाधिवक्ता अजय गुप्ता ने रिपोर्ट पेश कर बताया कि 15 से 31 अगस्त तक विद्यानगर और बजरंग नगर की पहाडिय़ों से 109 अतिक्रमण और अवैध निर्माण हटाए गए है। अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई निरंतर चल रही है। रिपोर्ट में कहा गया कि सिद्द्धबाबा पहाड़ी, छोटा शिमला-बड़ा शिमला, रांझी पहाड़ी, मदार टेकरी सहित 20 पहाडिय़ों पर अतिक्रमण और अवैध निर्माण का सर्वे किया जा रहा है। जल्द ही सर्वे का काम पूरा कर लिया जाएगा। 
राजनीतिक दबाव में धीमी गति से हो रहा सर्वे 
नागरिक उपभोक्ता मार्गदर्शक मंच की ओर से अधिवक्ता सतीश वर्मा ने युगल पीठ को बताया कि राजनीतिक दबाव की वजह से पूर्व क्षेत्र की पहाडिय़ों पर अतिक्रमण का सर्वे काफी धीमी गति से चल रहा है। नगर निगम की टीम ने मदन महल के बाजू में रतन नगर, बेदी नगर, अन्ना नगर, इंदिरा बस्ती और गुप्तेश्वर से अतिक्रमण हटाए बगैर आगे काम शुरू कर दिया है। यह सब राजनीतिक दबाव की वजह से किया जा रहा है। सूपाताल से भी अवैध निर्माण नहीं हटाए गए है। इस संबंध में बैठक के दौरान संभागायुक्त को भी जानकारी दी गई थी, इसके बाद भी इन क्षेत्रों में कार्रवाई नहीं की जा रही है। 
अतिक्रमण हटाने में भेदभाव का आरोप 
इस मामले में याचिकाकर्ता और अधिवक्ता जकी अहमद ने आरोप लगाया कि अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई में भेदभाव किया जा रहा है। नगर निगम की टीम कुछ चुनिंदा लोगों के निर्माणों को नहीं हटा रही है। इसकी वजह से लोगों में असंतोष फैल रहा है। 
सूरजताल और सूपाताल का संरक्षण करने का आदेश 
मुकुंदराव पोहनकर की ओर से एक आवेदन दायर कर कहा गया कि सूरजताल उनका निजी तालाब है। तालाब में वर्षों से िसंघाड़े की खेती की जा रही है। नगर निगम द्वारा तालाब से अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई शुरू की जा रही है, इसमें उन्हें कोई आपत्ति नहीं है। आवेदन में कहा गया कि तालाब में की जा रही सिंघाड़े की खेती को नुकसान नहीं पहुंचाया जाए। सुनवाई के बाद युगल पीठ ने नगर निगम को सूरजताल और सूपाताल का संरक्षण करने का आदेश दिया है। 
ग्रीन बेल्ट में निर्माण करने वाले को राहत नहीं 
बदनपुर के ग्रीन बेल्ट में मकान बनाने वाले संजय वर्मा की ओर से याचिका दायर कर कहा गया कि उन्होंने रजिस्ट्री के जरिए जमीन खरीदकर मकान बनाया था। उनके मकान को तोडऩे पर रोक लगाई जाए। युगल पीठ ने इस मामले में किसी भी प्रकार की राहत नहीं दी। नगर निगम की ओर से अधिवक्ता अंशुमान सिंह ने युगल पीठ को बताया कि बदनपुर के ग्रीन बेल्ट में 41 अवैध निर्माण चिन्हित किए गए थे। जिसमें से 3 निर्माण हटा दिए गए है। शेष निर्माणकर्ताओं को नोटिस देकर सुनवाई की जा रही है। 
बॉउड्रीबॉल और अन्य निर्माण जल्द हटाने के निर्देश 
पिसनहारी की मढिय़ा ट्रस्ट की ओर से प्लान पेश कर बताया गया कि पर्यूषण पर्व समाप्त होते ही अवैध निर्माण हटाने की कार्रवाई शुरू की जाएगी। युगल पीठ ने ट्रस्ट को सरकारी जमीन पर बनाई गई बाउंड्रीवॉल और अन्य निर्माण जल्द हटाने के निर्देश दिए है।

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