चोरों ने पुलिस को भी नहीं बख्शा, 3.72 लाख के आभूषण कर लिए चोरी

चोरों ने पुलिस को भी नहीं बख्शा, 3.72 लाख के आभूषण कर लिए चोरी

Anita Peddulwar
Update: 2019-05-04 14:08 GMT
चोरों ने पुलिस को भी नहीं बख्शा, 3.72 लाख के आभूषण कर लिए चोरी

डिजिटल डेस्क, अकोला। बंद घर में चोरों ने घर के दरवाजे का ताला तोड़कर भीतर प्रवेश किया और अंदर से कुंडी लगाकर बड़े ही आराम से आलमारी को तोड़कर चोरी की घटना को अंजाम देते हुए 3 लाख 72 हजार के 184 ग्राम आभूषण लेकर चोर पीछे की दीवार फांदकर रफू-चक्कर हो गए। रात 11 बजे गृहस्वामी आने के बाद इस वारदात का खुलासा हुआ। पुलिस ने चोरों का पता लगाने का प्रयास किया, किंतु वह विफल रहे। चोरों ने एक पुलिस कर्मचारी के मकान को दिनदहाड़े निशाना बनाते हुए पुलिस की सुरक्षा व्यवस्था को ही खुली चुनौती दे दी। मकान पुलिस मुख्यालय के आरमोरी विभाग में कार्यरत पुलिस कर्मचारी पंकज पवार का है। उनके घर में खुशी का माहौल होने के कारण वह अपने परिवार के साथ पिकनिक मनाने के लिए बाहर गए हुए थे। घटना की जानकारी मिलते ही शहर उपविभागीय अधिकारी उमेश माने पाटील, स्थानीय अपराध शाखा प्रभारी पुलिस निरीक्षक रामेश्वर चव्हाण, खदान पुलिस थाना निरीक्षक हरीश गवली, अपराध अन्वेषण विभाग के पुलिस उपनिरीक्षक सुजीत डाखोरे ने घटना स्थल का जायजा लिया। 

बेटे की हत्या करने वाले पिता को उम्र-कैद 
डाबकी रोड पुलिस थाने की सीमा अंतर्गत निवासी किसनराव श्रीराम बढे का अपने बेटे प्रदीप बढे के साथ घरेलू कारणों के चलते विवाद होता रहता था। इसी बीच नशे में दोनों के बीच 11 सितंबर 2016 की रात विवाद हुआ तथा सुबह प्रदीप मृत पाया गया। इस मामले में आरोपी ने परिजन को बताया कि अधिक पैमाने पर शराब पीने के कारण प्रदीप की मौत हो गई। मृतक को नहलाने के समय कपडे़ निकालने पर उसके गले पर निशान पाए जाने से उसके मित्रों ने इसकी सूचना पुलिस को दी। पुलिस को पोस्टमार्टम करवाने के बाद ज्ञात हुआ कि उसकी मौत गला दबाने के कारण हुई। पुलिस ने शिकायत की जांच करने पर आरोपी किसनराव श्रीराम बढे ने केबल के वायर से गला घोंटने का मामला उजागर हुआ।

घटना की जांच कर पुलिस ने दोषारोप पत्र न्यायालय में पेश किया। इस अभियोग की सुनवाई द्वितीय जिला व सत्र न्यायाधीश ए. एस. जाधव के न्यायालय में हुई। सरकार पक्ष ने न्यायालय में 8 गवाहों के बयान दर्ज करवाए। दोनों पक्षों की जिरह तथा सबूतों के आधार पर न्यायाधीश ने आरोपी को दोषी पाकर उम्र्र-कैद की सजा तथा 1 हजार रूपए जुर्माना अदा करने के आदेश दिए। जुर्माने की राशि अदा न करने पर आरोपी को अतिरिक्त 6 माह की सजा भुगतनी होगी। सरकार पक्ष की ओर से अधिवक्ता आनंद गोदे ने पैरवी की।
 

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