महाराष्ट्र के तीन शिक्षक राष्ट्रीय पुरस्कार से होंगे सम्मानित

महाराष्ट्र के तीन शिक्षक राष्ट्रीय पुरस्कार से होंगे सम्मानित

Tejinder Singh
Update: 2019-09-04 15:06 GMT
महाराष्ट्र के तीन शिक्षक राष्ट्रीय पुरस्कार से होंगे सम्मानित

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। शिक्षक दिवस के मौके पर दिए जाने वाले राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार के लिए मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने इस वर्ष भी 45 शिक्षकों की इस सम्मान के लायक समझा है। पिछले 2 साल तक देशभर से 350 से अधिक शिक्षकों को इस सम्मान के लिए चुना जाता रहा है। महाराष्ट्र की बात करें तो यहां से हर साल 45 से अधिक शिक्षकों का इस पुरस्कार के लिए चयन होता था, मगर इस वर्ष भी राज्य से 3 शिक्षक चुने गए है। गुरुवार को राष्ट्रपति के हाथों पुरस्कार प्रदान किए जायेंगे। जानकारी के अनुसार देशभर में 80 हजार शिक्षकों में से करीब 30 हजार शिक्षकों ने इस पुरस्कार के लिए आवेदन किए थे। इनमें से करीब आधे शिक्षकों का साक्षात्कार के लिए चयन हुआ था। जिसके बाद चुने गए 176 में से अंतिमत: 46 शिक्षकों को राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार के लिए चुना गया। महाराष्ट्र से तीन शिक्षकों को शिक्षकस पुरस्कार से सम्मानित किया जायेगा। इनमें अहमदनगर स्थित समर्थ विद्या मंदिर स्कूल के शिक्षक डॉ अमोल बागुल, पुणे की विस्डम वर्ल्ड स्कूल की शिक्षिका राधिका दलवी और मुंबई की एटोमिक एनर्जी एज्युकेशन की शिक्षिका डॉ जोबिन जोएल शामिल है।

बता दें कि पिछळे 2 वर्ष तक 350 से अधिक शिक्षकों को राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कारों के लिए चुना जाता रहा है, लेकिन अब इस सम्मान के लिए देशभर से तकरीबन 50 शिक्षकों को ही चुना जा रहा है। इस मुद्दे पर एचआरडी मंत्रालय के एक अधिकारी का कहना है कि शिक्षक पुरस्कारों से संबंधित दिशा-निर्देशों में बदलाव किया गया है। जिसके तहत अभ हर राज्य से (अलग-अलग शिक्षा बोर्ड के) कम से कम एक शिक्षक का चयन किया जा रहा है। इसलिए सम्मानित शिक्षकों की संख्या कम हो गई है। मंत्रालय का इसके पीछे यह भी तर्क है कि पुरस्कारों की गरिमा एवं गुणवत्ता बनाने के लिए यह कदम उठाया गया है। साथ ही सूत्रों का यह भी कहना है कि शिक्षक पुरस्कारों की संख्या को घटाने के पीछे की वजह इस पर आने वाले खर्चे को कम करना है। 
 

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