साथी हांथ बढ़ाना -लोगों ने हाथ बढ़ाया और बदल गई अनूपपुर के तालाब की तस्वीर 

साथी हांथ बढ़ाना -लोगों ने हाथ बढ़ाया और बदल गई अनूपपुर के तालाब की तस्वीर 

Bhaskar Hindi
Update: 2020-06-01 13:36 GMT
साथी हांथ बढ़ाना -लोगों ने हाथ बढ़ाया और बदल गई अनूपपुर के तालाब की तस्वीर 

डिजिटल डेस्क अनूपपुर । अनूपपुर जिला मुख्यालय स्थित संभाग के सबसे बड़े मडफ़ा तालाब (अब सामतपुर तालाब) की तस्वीर बदल रही है। गंदगी और गाद से पटे इस तालाब को स्वच्छ और खूबसूरत बनाने के लिए कुछ लोगों ने पहल की और देखते ही देखते दर्जनों लोग इस अभियान से जुड़ गए।  किसी ने खुद श्रमदान किया तो किसी ने आर्थिक सहयोग करते हुए जीर्णोद्धार में अपना योगदान दिया। 
इसी का नतीजा है कि पहले गर्मी के दिनों में तालाब में धूल उडऩे लगती थी, तालाब में स्वच्छ जल नजर आ रहा है। तालाब के गहरीकरण का कार्य पिछले एक पखवाड़े से निरंतर चल रहा है। अब तक 5000 हाइवा से ज्यादा मिट्टी और गाद तालाब से निकाली जा चुकी है। 13 एकड़ के इस तालाब का गहरीकरण का कार्य अंतिम चरण में है। इसके बाद किनारों पर बाड़ और पौधरोपण करने की योजना है। इसके तहत तालाब के किनारे बारिश में फलदार पौधे रोपित किए जाएंगे। साथ ही वॉक करने वालों के लिए फुटपाथ को भी दुरुस्त कराया जा रहा है। जल स्तर बढ़ाने के लिए सोन नदी से पानी लाने की व्यवस्था बनाई जा रही है।
...ताकि नगर की विरासत बची रहे
नगर के व्यवसायी व समाजसेवी राजेश केडिय़ा ने बताया कि सामतपुर तालाब संभाग का सबसे बड़ा तालाब है। गंदगी और गाद के कारण यह सूखता जा रहा था। यहां काफी मात्रा में खरपतवार भी पनक गए थे। गंदगी के कारण न सिर्फ नगर के सौंदर्य पर ग्रहण लगा रहा था, बल्कि इससे आसपास के कुंओं का जलस्तर भी प्रभावित हो रहा था। इसके बाद उन्होंने अपने साथियों के साथ मिलकर तालाब के गहरीकरण और सौंदर्यीकरण की योजना बनाई। इस काम में जहां नगर के लोगों ने योगदान दिया, वहीं प्रशासन का भी पूरा सहयोग मिला। उन्होंने बताया कि नगर की विरासत सुरक्षित रहे और आने वाली पीढिय़ों को सहज ही जल मिल सके, इसी उद्देश्य के साथ तालाब का गहरीकरण कराया जा रहा है।
मिट्टी बेचकर निकाला खर्च
रकवा ज्यादा होने और बढ़ते हुए खर्च को देखते हुए समाजसेवियों ने नागरिकों से अपील की कि जिन्हें मिट्टी की आवश्यकता है वह संपर्क कर सकते हैं। इसके बाद खेत समतलीकरण, प्लॉट समतलीकरण और सड़क के लिए मिट्टी लेने वालों की होड़ लग गई। बहुत ही कम दाम पर लोगों को मिट्टी उपलब्ध करा दी गई। मिट्टी के बदले मिले पैसों से मशीन और हाईवा के लिए डीजल की व्यवस्था सुलभ हो गई। दूसरी ओर लॉक डाउन होने की वजह से प्रशासन से कार्य की अनुमति मांगी गई। कलेक्टर चंद्रमोहन ठाकुर से जब चर्चा की गई तो उन्होंने भी अपनी सहमति देते हुए हर तरह के सहयोग का आश्वासन दिया। बीते एक पखवाड़े से इस तालाब में भारी भरकम मशीनें और दो दर्जन से ज्यादा हाईवा तालाब के गहरीकरण में जुटे हुए हैं।
 

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