टीआरपी घोटाला : पुलिस का दावा - हंसा रिसर्च के कर्मचारियों और रिपब्लिक के बीच 32 लाख रुपए का हुआ लेनदेन

टीआरपी घोटाला : पुलिस का दावा - हंसा रिसर्च के कर्मचारियों और रिपब्लिक के बीच 32 लाख रुपए का हुआ लेनदेन

Tejinder Singh
Update: 2020-10-26 16:15 GMT
टीआरपी घोटाला : पुलिस का दावा - हंसा रिसर्च के कर्मचारियों और रिपब्लिक के बीच 32 लाख रुपए का हुआ लेनदेन

डिजिटल डेस्क, मुंबई। पैसे देकर फर्जी तरीके से टीआरपी हासिल करने के मामले की जांच कर रही मुंबई पुलिस की अपराध शाखा का दावा है कि उसे रिपब्लिक और हंसा रिसर्च कंपनी के कर्मचारियों के बीच 32 लाख रुपए के लेन देन के सबूत मिले हैं। हालांकि पूछताछ में हंसा के अधिकारियों ने पैसों के किसी तरह के लेन देन से इनकार किया है और इससे पूरी तरह अनभिज्ञता व्यक्त की है। लेकिन पुलिस का दावा है कि पूछताछ के दौरान रिपब्लिक के अधिकारियों ने हंसा के साथ पैसों के लेनदेन की बात स्वीकार की है। इसके अलावा पुलिस ने इंडिया टुडे को यह कहते हुए क्लीनचिट दे दी है कि मामले में अब तक गिरफ्तार 10 आरोपियों में से किसी ने भी इंडिया टुडे का नाम नहीं लिया है। बता दें कि मामले में हंसा रिसर्च की ओर से की गई शिकायत में इंडिया टुडे का ही नाम था। लेकिन पुलिस का दावा है कि मामले में जिन लोगों से पूछताछ की गई है उन्होंने इंडिया टुडे का नाम नहीं लिया है। मामले में अभिषेक कोलवडे नाम के एक आरोपी ने पुलिस के सामने आत्मसमर्पण किया है जिसके बाद उसे सोमवार को अदालत के सामने पेश किया गया जहां से उसे 28 अक्टूबर तक पुलिस हिरासत में भेज दिया गया है। पुलिस का दावा है कि अभिषेक ने पूछताछ में रिपब्लिक, न्यूज नेशन और महामूवी चैनलों से पैसे लिए। मैक्स मीडिया कंपनी के खातों का लेन देन के लिए इस्तेमाल की बात उसने स्वीकार की है। इसके अलावा निजी खातों की भी जांच की जा रही है। अभिषेक की कॉल रिकॉर्डिंग भी पुलिस के पास है। उससे भी अहम सबूत मिल सकते हैं। साथ ही उसके मोबाइल फोन की भी जांच की जा रही है।

मनी लांडरिंग की जांच

टीआरपी घोटाले की जांच कर रही मुंबई पुलिस की अपराध शाखा की एक टीम छानबीन के सिलसिले में कोलकाता गई हुई है। अधिकारियों का दावा है कि उसे मामले में मनी लांडरिंग के भी सबूत मिल रहे हैं। आरपीजी नाम की कंपनी ने रिपब्लिक चैनल में 100 मिलियन रुपए से अधिक का निवेश किया है। इसके अलावा अनंत अडोगाग नाम की कंपनी ने भी 70 मिलियन से अधिक रुपयों का निवेश किया है। आर्थिक अपराध शाखा भी इस मामले की छानबीन कर रही है। लेकिन अगर मनी लांडरिंग के पुख्ता सबूत मिलते हैं तो मामले में केंद्रीय जांच एजेंसी प्रवर्तन निदेशालय का जांच में शामिल होना तय है
 

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