डिलेवरी के दो दिन बाद महिला मिली पॉजिटिव -एल्गिन में हड़कंप, डॉक्टर सहित 10 क्वारंटीन

डिलेवरी के दो दिन बाद महिला मिली पॉजिटिव -एल्गिन में हड़कंप, डॉक्टर सहित 10 क्वारंटीन

Bhaskar Hindi
Update: 2020-05-22 09:06 GMT
डिलेवरी के दो दिन बाद महिला मिली पॉजिटिव -एल्गिन में हड़कंप, डॉक्टर सहित 10 क्वारंटीन

डिजिटल डेस्क जबलपुर । एल्गिन अस्पताल में कोरोना पॉजिटिव का एक ऐसा केस आया है जिसे स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही या अस्पताल प्रबंधन की सतर्कता माना जा सकता है। दरअसल शहर के कोरोना हॉटस्पॉट क्षेत्र में हो रहे सर्वे में बच्चों-वृद्धों की तुलना में वहाँ की गर्भवती महिलाओं को ज्यादा महत्व नहीं दिया गया। उनके कोरोना टेस्ट नहीं कराए गए। एल्गिन अस्पताल प्रबंधन ने जरूर कंटेनमेंट क्षेत्र से आने वाली गर्भवती महिलाओं के लिए अलग लेबर व जाँच रूम का इंतजाम किया। दो दिन पहले यहाँ रद्दी चौकी की महिला की डिलेवरी हुई, कंटेनमेंट क्षेत्र से होने के कारण उसका कोरोना सैंपल लिया गया जिसकी रिपोर्ट उसके डिस्चार्ज होने के एक दिन बाद गुरुवार को पॉजिटिव आई। रद्दी चौकी निवासी उक्त 31 वर्षीय महिला 18 मई को भर्ती हुई थी। अगले दिन नार्मल डिलेवरी में उसने बच्चे को जन्म दिया तथा दोनों का स्वास्थ्य बेहतर होने पर 20 मई बुधवार को उन्हें डिस्चार्ज किया गया। गुरुवार को उसके कोरोना पॉजिटिव होने की जानकारी के बाद अस्पताल में हड़कंप की स्थिति मच गई। भर्ती होने से लेकर डिस्चार्ज तक उनके संपर्क में रहीं डॉक्टर सहित अन्य 10 अस्पताल कर्मियों को चिन्हित कर उन्हें क्वारंटीन रहने कहा गया। 
चार दिन पहले ही शुरू हुई थी सैंपलिंग 7 शहर मे 3 माह की बच्ची और इंदौर में एक नवजात के पॉजिटिव आने के बाद इस बात की जरूरत महसूस करते हुए एल्गिन में कंटेनमेंट क्षेत्र से आने वाली महिलाओं की कोरोना जाँच की माँग अस्पताल प्रबंधन द्वारा की गई। जानकारी के अनुसार 14 मई से अस्पताल में आने वाली महिलाओं की जाँच शुरू हुई और कुछ दिन बाद ही एक पॉजिटिव केस सामने आ गया। 
माँ-बच्चे को अलग रखा 7 मेडिकल कॉलेज में माँ और उसके दो दिन के बच्चे को अलग प्राइवेट आइसोलेशन वार्ड में रखा गया है। माँ को पीपीई किट में रखा गया है जिससे बच्चे को इंफेक्शन का खतरा न हो। बच्चे की सैंपलिंग की गई है। सुखसागर कोविड वार्ड में भर्ती 20 वर्ष के एक पॉजिटिव युवक को घबराहट होने पर सुपर स्पेशिएलिटी में भर्ती कराया गया, वहीं एक अन्य 20 वर्षीय पॉजिटिव मरीज की शुगर अत्यधिक बढऩे के कारण उसे भी यहाँ शिफ्ट किया गया। सुपर स्पेशिएलिटी में अभी 21 मरीज भर्ती हैं जिनमें चार ऑक्सीजन सपोर्ट पर हैं।

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