दो लाख रू. की रिश्वत लेते निवाड़ी सीईओ ट्रेप,  सरपंच पति ने की थी शिकायत, चार घंटे चली कार्रवाई

दो लाख रू. की रिश्वत लेते निवाड़ी सीईओ ट्रेप,  सरपंच पति ने की थी शिकायत, चार घंटे चली कार्रवाई

Bhaskar Hindi
Update: 2020-06-17 09:17 GMT
दो लाख रू. की रिश्वत लेते निवाड़ी सीईओ ट्रेप,  सरपंच पति ने की थी शिकायत, चार घंटे चली कार्रवाई

डिजिटल डेस्क टीकमगढ़/निवाड़ी । कोरोना संक्रमण काल में फल-फूल रहे भ्रष्टाचार के खिलाफ लोकायुक्त ने पहली कार्रवाई की है। निवाड़ी जनपद पंचायत सीईओ के सरकारी निवास पर सुबह करीब 10.00 बजे सागर से आई टीम ने दस्तक दी। दो लाख रुपए रिश्वत के साथ सीईओ को पकड़ा और भ्रष्टाचार अधिनियम के तहत केस दर्ज किया। सीईओ द्वारा दबाव बनाकर घूस मांगने की शिकायत टेहरका सरपंच पति ने लोकायुक्त से की थी। सीईओ एक साल में हुए 45 लाख रुपए के काम का पांच प्रतिशत कमीशन मांग रहे थे।
सागर से आई लोकायुक्त की टीम ने मंगलवार को सुबह जनपद पंचायत निवाड़ी के सीईओ हर्ष कुमार खरे के सरकारी निवास पर छापामार कार्रवाई की। टेहरका सरपंच पति गयादीन अहिरवार द्वारा दी गई दो लाख रुपए रिश्वत की राशि से भरा बैग सीईओ के घर से बरामद किया, जो कमरे में बिस्तर पर रखा था। इसके बाद सीईओ के हाथ धुलाए और भ्रष्टाचार अधिनियम के तहत केस दर्ज किया। लोकायुक्त इंस्पेक्टर मंजू सिंह ने बताया कि सरपंच के पति गयादीन ने 8 जून को शिकायत की थी। आवेदक को वॉयस रिकॉर्डर के साथ भेजकर पहले शिकायत का सत्यापन कराया गया। मामला सही पाए जाने पर 15 जून को गयादीन को सागर बुलाया। दो-दो हजार रुपए के नोटों में उसे दो लाख रुपए देकर उसे सीईओ के सरकारी निवास पर भेजा, उसने जैसे ही सीईओ को रिश्वत दी। लोकायुक्त टीम ने सुनियोजित तरीके से कार्रवाई कर घूस में दी गई रकम बरामद कर ली। उन्होंने बताया कि धारा 7 ईसी एक्ट के तहत कार्रवाई की गई है। विवेचना में जो भी सामने आएगा, उसके हिसाब से धाराएं बढ़ाई जाएंगी। जमानत पर सीईओ को छोड़ा गया है। लोकायुक्त टीम में इस्पेंक्टर मंजू सिंह के साथ अभिषेक वर्मा, बीएम द्विवेदी, आरक्षक सुरेन्द्र, रफीक और यशवंत शामिल थे।
दबाव बनाने मस्टर उठा ले गए सीईओ
टेेहरका सरपंच गीता अहिरवार के पति व पूर्व भाजपा जिला मंत्री गयादीन अहिरवार ने बताया कि पिछले एक साल में पंचायत में मनरेगा के 45 लाख रुपए के काम किए गए। इसके एवज में सीइओ हर्ष खरे द्वारा 5 प्रतिशत राशि कमीशन के रूप में मांगी जा रही थी। जिसमें पहले 1 लाख 70 हजार रुपए दे चुका हूं। इसके बाद फिर 2 लाख रुपए की डिमांड सीईओ कर रहे थे। गयादीन के अनुसार रुपयों के लिए दबाव बनाने सीईओ पंचायत के काम देखने पहुंचे थे। लेबर न मिलने के कारण पूरे मस्टर उठा लाए। इसलिए परेशान होकर मैंने लोकायुक्त सागर से शिकायत की।
सेनेटाइजर ने भी दिलाईं सुर्खियां
निवाड़ी जनपद में सेनेटाइजर खरीदी में धांधली पहले ही सुर्खियां बटोर चुकी है। पंचायतों को खरीदी करने थी, लेकिन अफसरों द्वारा थोकबंद खरीदी की बात सामने आई थी। जनपद सीईओ पर सेनेटाइजर खरीदी में घोटाले के आरोप लगे तो सागर कमिश्नर ने जांच के आदेश दिए थे। स्थानीय स्तर पर जांच में क्लीनचिट मिल गई।
 

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